पेरिस : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के संबंध में भारत अपनी सभी जिम्मेदारियों को पूरा करेगा.जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन से अलग मोदी ने ओबामा के साथ हुई अपनी मुलाकात में अमेरिकी राष्ट्रपति के उस खुलेपन की भी सराहना की जिसके तहत उन्होंने बडी बेबाकी से मोदी के साथ मुद्दों को साझा किया. मोदी ने कहा कि इससे बेहतर समझ विकसित करने में मदद मिलेगी. मोदी ने ओबामा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ भारत से जो उम्मीदें की जाती हैं और उस पर जो जिम्मेदारियां हैं ,
वह उन्हें पूरा करेगा देश विकास और पर्यावरण (सुरक्षा ) दोनों को साथ लेकर चलने पर काम कर रहा है.’ प्रधानमंत्री ने 175 गीगावाट नवीकरणीय उर्जा उत्पादन के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री मोदी की ये टिप्पणियां इस पृष्ठभूमि में आयी हैं जिसमें भारत ने अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी के इस बयान पर कडी आपत्ति जतायी थी कि जलवायु शिखर सम्मेलन में भारत एक ‘चुनौती’ होगा। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इन टिप्पणियों को ‘‘अवांछित ‘ बताया था. आज की मुलाकात में जावडेकर और कैरी भी अन्य वरिष्ठ मंत्रियों तथा अधिकारियों के साथ मोदी और ओबामा की मुलाकात में मौजूद थे.
मोदी ने सौर गठबंधन पहल का भी जिक्र किया और कहा कि यह उन सपनों को पूरा करने में मदद करेगा जिनके लिए देश यहां एकत्र हुए हैं. ओबामा के साथ मुलाकात से पूर्व मोदी ने कहा था कि धरती के बढते तापमान को रोकने के लिए एक समग्र, समान और ठोस समझौता तैयार करने की तत्काल जरुरत है.
राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि भारत को गरीबी उन्मूलन , विकास की प्राथमिकता तय करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के साथ ही अपने कार्बन डाइआक्साइड प्रदूषण पर भी अवश्य नियंत्रण पाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत के बीच गहरे सहयोग के लिए जलवायु परिवर्तन भी प्रमुख क्षेत्रों में शामिल है. राष्ट्रपति ओबामा ने इस बात को भी रेखांकित किया कि अपने ‘‘दोस्त और साझीदार’ से मुलाकात होना खुशी की बात है. ओबामा ने कहा, ‘‘ हम इस बात से सहमत हैं कि जलवायु परिवर्तन एक आसन्न खतरा है. हम इस मुद्दे पर भारत के नेतृत्व का स्वागत करते हैं.’
उन्होंने कहा कि पेरिस बैठक में इस संभावना को संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए कि भारत जैसे देश गरीबी के खिलाफ अपनी लडाई को जारी रख सकें. उन्होंने साफ शब्दों में यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर सभी पक्षों की ओर से गंभीर प्रतिबद्धता बेहद जरुरी है. उन्होंने कहा कि समझौते में ‘‘सभी देशों की गंभीर और महत्वाकांक्षी कार्रवाई झलकनी चाहिए।’ ओबामा के साथ अपनी बैठक के बाद मोदी ने कहा, ‘‘ भारत दुनिया का पहला देश है जो धरती का संरक्षण करता है और पर्यावरण का संरक्षण करता है. महात्मा गांधी इसके ध्वजवाहक थे. इसलिए भारत के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण बात है. हमने बहुत बडे लक्ष्य रखे हैं.’
‘ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘ बातचीत का एक मौका. विश्व के दो सबसे बडे लोकतंत्र के नेताओं ने कॉप 21 से इतर अपने विचारों का आदान प्रदान किया.’ मोदी और ओबामा की मुलाकात ‘‘मिशन नवोन्मेष’ के तहत हुई. यहां दो दिवसीय यात्रा पर आए मोदी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांेद द्वारा दिए गए विशेष भोज में भी शिरकत की. उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से भी द्विपक्षीय मुलाकात की. मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मंगोलियाई राष्ट्रपति टी एलबेगदोर्ज , श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना और कई अन्य विश्व नेताओं के साथ भी बैठक की