आतंकियों को रोकने के लिए अमेरिका ने वीजा छूट कार्यक्रम को किया सख्त
वाशिंगटन : पेरिस हमले जैसा कोई हमला अपने देश में होने से रोकने के लिए अमेरिका ने अपने वीजा छूट कार्यक्रम में बदलावों की घोषणा की है. इन बदलावों की घोषणा उन 38 देशों के यात्रियों की जांच के लिए की गयी है, जिन्हें बिना वीजा के अमेरिका में प्रवेश की अनुमति प्राप्त है. अमेरिका […]
वाशिंगटन : पेरिस हमले जैसा कोई हमला अपने देश में होने से रोकने के लिए अमेरिका ने अपने वीजा छूट कार्यक्रम में बदलावों की घोषणा की है. इन बदलावों की घोषणा उन 38 देशों के यात्रियों की जांच के लिए की गयी है, जिन्हें बिना वीजा के अमेरिका में प्रवेश की अनुमति प्राप्त है. अमेरिका का कुछ देशों के साथ वीजा-छूट कार्यक्रम है, जिसके तहत इन देशों के निवासियों को अमेरिका में प्रवेश के लिए वीजा की जरुरत नहीं पडती. इनमें से अधिकतर देश यूरोपीय हैं. अमेरिका का भारत के साथ ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है लेकिन हालिया घोषणा यह संकेत देती है कि भारतीय यात्रियों को भी अमेरिका में प्रवेश के लिए वीजा हासिल करने से पहले कडी सुरक्षा जांच का सामना करना पडेगा.
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नस्ट ने इस संदर्भ में यहां घोषणा किये जाने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘अन्य उपायों के साथ-साथ ये बदलाव, उन लोगों की पहचान करने की हमारी क्षमता में सुधार लाएंगे, जो संघर्षरत क्षेत्रों से होकर आये हैं. ये खोए हुए या चोरी किये हुये पासपोर्टों की मदद से यात्रा करने की आतंकियों की कोशिशों को विफल करने की हमारी क्षमता बढाएंगे. ये हमारे यूरोपीय साझेदारों के साथ सूचनाओं का अधिक आदान-प्रदान सुगम बनाएंगे.’ वीजा-छूट कार्यक्रम प्रतिवर्ष विश्व के 38 देशों के दो करोड़ नागरिकों को अमेरिका की वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति देता है.
व्हाइट हाउस ने इन बदलावों को अधिक बढावा और गति देने वाले अतिरिक्त उपायों की घोषणा करते हुए कहा कि पिछले एक साल में प्रशासन ने वीजा छूट कार्यक्रम के तहत महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों को बढाने की दिशा में कई कदम उठाये हैं. इसके तहत गृह सुरक्षा विभाग अपने ‘इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फॉर ट्रैवल ऑथराइजेशन’ के आवेदनो में बदलाव के लिए तत्काल कदम उठाएगा ताकि वीजा-छूट कार्यक्रम के अंतर्गत यात्रा करने वाले यात्रियों से जुडी जानकारी हासिल की जा सके. यह जाना जा सके कि क्या उन्होंने आतंकी शरणस्थली बने किसी देश की यात्रा की है? व्हाइट हाउस ने कहा कि नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक गृह सुरक्षा मंत्री के साथ समन्वय करते हुए इन देशों की पहचान और समीक्षा नियमित रूप से करेंगे ताकि यात्रियों से जुडे जोखिम का आकलन अद्यतन जानकारी के आधार पर किया जा सके.