ISIS से लड़ने के लिए इराक में विशेष बल भेजेगा अमेरिका

वाशिंगटन : खूंखार आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लडाई को तेज करने के लिए अमेरिका इराक और सीरिया में विशेष बलों को भेजेगा. अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने यह जानकारी देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस लडाई और तेज करने की अपील की है. हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के समक्ष कार्टर ने कल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2015 10:17 AM

वाशिंगटन : खूंखार आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लडाई को तेज करने के लिए अमेरिका इराक और सीरिया में विशेष बलों को भेजेगा. अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने यह जानकारी देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस लडाई और तेज करने की अपील की है. हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के समक्ष कार्टर ने कल कहा, ‘इराक की सरकार के साथ पूर्ण समन्वय करते हुए, हम इराकी और कुर्द पेशमरगा बलों की मदद के लिए और आईएसआईएस पर ज्यादा दबाव बनाने के लिए एक विशेष बल तैनात कर रहे हैं.’ कार्टर ने कहा, ‘ये विशेष बल समय के साथ हमले बोलने, बंधकों को मुक्त कराने, खुफिया जानकारी जुटाने और आईएसआईएस के नेताओं को पकडने में सक्षम होंगे.’

यूएस ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने भी इस समिति के समक्ष अपनी बात रखी. कार्टर ने कहा कि अमेरिकी बल सीरिया में एकपक्षीय अभियान चलाने की भी स्थिति में होंगे. कार्टर ने कहा कि अमेरिका इस लडाई में लगातार ज्यादा से ज्यादा योगदान की कोशिश कर रहा है लेकिन विश्व को भी ऐसा करना चाहिए. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हमारे सहयोगियों और साथियों समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पेरिस जैसा कोई अन्य हमला होने से पहले उठ खड़ा होना चाहिए. फ्रांस अपनी राजधानी पर हुए हमलों के बाद से जबरदस्त जोश में आ गया है और फ्रांसीसियों ने अपनी भूमिका बढा दी है.’

उन्होंने कहा, ‘ब्रिटेन हवाई हमले बढाने पर बहस कर रहा है. इटली ने इराक में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. जर्मनी अतिरिक्त योगदान दे रहा है लेकिन हम सभी को और अधिक (योगदान) करने की जरुरत है. तुर्की को अपनी उस सीमा पर नियंत्रण के लिए ज्यादा काम करना चाहिए, जिन्हें भेदना प्राय: आसान रहता है.’ उन्होंने कहा, ‘सउदी अरब और खाडी देश शुरुआती दिनों में ही हवाई हमलों के अभियान से जुड़ गये थे लेकिन उसके बाद से वे यमन के संघर्ष में उलझे हैं.’

उन्होंने कहा कि रूस ने ईएसआईएल को हराने के लिए सार्वजनिक तौर पर प्रतिबद्धता जतायी है लेकिन उसने मोटे तौर पर विपक्षी बलों को निशाना बनाया है, आईएसआईएल को नहीं. रूस के लिए समय आ गया है कि वह इस लडाई के सही पहलू पर ध्यान केंद्रित करे. उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी नेतृत्व जरुरी है लेकिन दूसरे देशों से जितना ज्यादा योगदान हमें मिलेगा, हम अपना बल इस्तेमाल करके उतनी ही अधिक युद्धक क्षमता जुटा पाएंगे.’

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