”अमेरिका और चीन के लिए खतरा है आईएसआईएस”

वाशिंगटन : अमेरिका और चीन के वरिष्ठ अधिकारियों ने खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को दोनों देशों के लिए गंभीर खतरा मानते हुए इससे निपटने की दिशा में तालमेल को मजबूती देने के कदमों पर चर्चा की. यह जानकारी व्हाइट हाउस की ओर से जारी की गयी है. इस संदर्भ में व्हाइट हाउस का बयान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2015 9:27 AM

वाशिंगटन : अमेरिका और चीन के वरिष्ठ अधिकारियों ने खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को दोनों देशों के लिए गंभीर खतरा मानते हुए इससे निपटने की दिशा में तालमेल को मजबूती देने के कदमों पर चर्चा की. यह जानकारी व्हाइट हाउस की ओर से जारी की गयी है. इस संदर्भ में व्हाइट हाउस का बयान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार सुसैन ई राइस और गृह सुरक्षा एवं आतंकवाद रोधी मामलों में राष्ट्रपति की सहायक लीसा मोनेको की चीनी स्टेट काउंसलर गुओ शेंगकुन के साथ मुलाकात के बाद आया है. इस बैठक का आयोजन प्रमुख रूप से साइबर सुरक्षा से जुडे मुद्दों पर चर्चा के लिए किया गया था. बैठक के दौरान उन्होंने सितंबर में राष्ट्रपति शी चिनफिंग की सरकारी यात्रा के दौरान की गईं अमेरिका-चीन साइबर प्रतिबद्धताओं के पूर्ण पालन के महत्व को रेखांकित किया गया.

यह बैठक साइबर अपराध एवं इससे जुडे मुद्दों पर अमेरिका और चीन की पहली उच्च स्तरीय संयुक्त वार्ता के समापन पर हुई. एक दिसंबर को हुई इस वार्ता की सह अध्यक्षता गुओ ने अटॉर्नी जनरल लिंच आर गृह सुरक्षा सचिव जेह जॉनसन के साथ की. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘राइस और गुओ इस बात पर सहमत हुए कि आईएसआईएस अमेरिका और चीन दोनों के लिए ही खतरा है. इन्होंने इस खतरे से निपटने के लिए आपसी तालमेल मजबूत करने के कदमों पर चर्चा की.’ प्राइस ने कहा, ‘राइस ने चीन में मानवाधिकारों की स्थितियों पर अमेरिका की चिरकालिक चिंता जाहिर की. अमेरिकी और चीनी प्रतिनिधिमंडल व्यावहारिक द्विपक्षीय सहयोग को विस्तार देने के महत्व पर सहमत हुए. इसके साथ-साथ वे अमेरिका-चीन संबंधों को विकसित करते रहने की दिशा में हमारे मतभेदों से सीधे तौर पर निपटने के लिए भी सहमत हुए.’

Next Article

Exit mobile version