सैन फ्रांसिस्को : कैलिफोर्निया में पाकिस्तानी मूल के अपने अमेरिकी पति के साथ गोलीबारी करने वाली पाकिस्तानी महिला ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन के नेता अबू बक्र अल-बगदादी के प्रति वफादारी जताई थी और इस हमले से पहले दूसरे हमलावर-अपने पति को कट्टरपंथ का पाठ पढाया था. इस हमले में 14 लोगों की जान चली गयी.
इस घटना की जांच से जुडे तीन अमेरिकी अधिकारियों ने सीएनएन से कहा कि जब सान बनार्दिनो हमला चल रहा था तब 27 वर्षीय हमलावर तशफीन मलिक ने फेसबुक पर आईएस नेता के प्रति अपनी वफादारी का जिक्र करते हुए पोस्ट किया. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि मलिक ने एक अलग नाम से बने अकाउंट से फेसबुक पर टिप्पणी की थी.
अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि उन्हें कैसे पता चला कि मलिक ने ही पोस्ट किया था. एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि बुधवार के हमला की प्रेरणा शायद इस्लामिक स्टेट से ली गयी हो. लेकिन किसी भी अधिकारी ने यह नहीं बताया कि आईएस ने इस हमले का निर्देश दिया था. इस हमले में 14 लोग मारे गए और 21 अन्य घायल हुए. बाद में हमलावर मलिक और उसके पति 28 वर्षीय सैयद रिजवान फारुक पुलिस मुठभेड में मारे गए.
एक अधिकारी ने कहा, ‘यह खुद से कट्टरपंथ का पाठ पढने जैसा लग रहा है.’एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अन्य ने इस कट्टरपंथी दृष्टिकोण के लिए असर डाला हो. जांचकर्ता इस बात पर भी गौर कर रहे हैं कि क्या कार्यस्थल पर धर्म से जुडे किसी मुद्दे की वजह से यह गोलीबारी तो नहीं हुई.
पहले जांचकर्ताओं ने कहा था कि शायद मलिक ने अपने पति को कट्टरपंथ की घूंट पिलायी. कानून प्रवर्तन सूत्रों ने बातया कि इस बात की प्रबल संभावना है कि मलिक ने फारुक के लिए कट्टरपंथ का पाठ पढाने का काम किया हो और उसने ही विभिन्न अपराध स्थलों पर पाईप बम लगाए हों. जांचकर्ताओं का यह भी मानना है कि इन दोनों ने सामाजिक सेवा केंद्र में गोलीबारी की इस घटना के बाद एक और हमले की साजिश रची थी. लेकिन पुलिस मुठभेड में दोनों के मारे जाने के कारण उनका दूसरा हमला अंजाम तक नहीं पहुंचा. दोनों की छह माह की एक बेटी भी है.
फारुक के संपर्क में आने से पहले मलिक की पिछली पृष्ठभूमि के बारे में कुछ ज्यादा ज्ञात नहीं है. लेकिन एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि फारुक के सितंबर, 2013 में सउदी अरब जाने के बाद दोनों मिले और फिर दोनों की सगाई हो गयी. पाकिस्तानी नागरिक मलिक ने मई, 2014 में इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास में के-1 वीजा के लिए आवेदन दिया था और फारुक ने उसे अमेरिका लाने के लिए उसी साल जुलाई में सउदी अरब की यात्रा की.
दोनों की 16 अगस्त, 2014 को शादी हुई. फोक्स न्यूज के अनुसार जांचकर्ताओं का मानना है कि सउदी अरब की इन यात्राओं के दौरान दोनों एक या दो संदिग्ध अलकायदा आतंकवादियों के संपर्क में आए. लेकिन उस संपर्क की प्रकृति तत्काल स्पष्ट नहीं हुई है.