जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल चुनी गयीं ”टाइम पर्सन ऑफ द ईयर”
न्यूयॉर्क: टाइम पर्सन ऑफ द इयर 2015 का खिताब इस बार जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को चुना गया है. 1999 में इस सम्मान का नाम मैन ऑफ द ईयर से बदलकर पर्सन ऑफ द ईयर किया गया था. इसके बाद यह पुरस्कार पाने वाली पहली महिला एंजेला मार्केल है. इससे पहले किसी भी एकल […]
न्यूयॉर्क: टाइम पर्सन ऑफ द इयर 2015 का खिताब इस बार जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को चुना गया है. 1999 में इस सम्मान का नाम मैन ऑफ द ईयर से बदलकर पर्सन ऑफ द ईयर किया गया था. इसके बाद यह पुरस्कार पाने वाली पहली महिला एंजेला मार्केल है. इससे पहले किसी भी एकल महिला को यह खिताब नहीं मिला है.
हालांकि समुह में यह पुरस्कार महिलाओं के हिस्से जरूर आया. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस रेस में शामिल थे. नरेंद्र मोदी को टॉप 8 फाइन लिस्ट में शामिल किया था. रीडर्स पोल में जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल को 2.4 प्रतिशत वोट मिले थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एंजेला मार्केल काफी पीछे थी. उनका स्थान 10वां था.
टाइम्स मैगजिन की मैनेजिंग एडिटर नैन्सी गिब्स ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि मर्केल को पर्सन ऑफ द ईयर चुना गया है. उन्होंने कहा, ‘हमने उस शख्सियत को चुना है कि जिसने 2015 में अपने देश की सीमाओं को शरणार्थियों के लिए खोल दिया और यूरोप के ऋण संकट से उबरने में कामयाबी हासिल की.’
टाइम मैगज़ीन के संपादकों ने साल 2015 के लिए ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ अवार्ड के लिए अंतिम आठ दावेदारों को सूचीबद्ध किया था .इस सूची में ब्लैक लिव्स मैटर के कार्यकर्ता, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, टीवी स्टार कैटलिन जेनर और उबर के सीईओ ट्रैविस कालानिक और आईएसआईएस के सरगना अबू बकर अल बगदादी को शामिल थे.
पिछले साल सबसे ज्यादा वोट पाने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टाइम पर्सन ऑफ द ईयर नहीं चुना गया था. रीडर्स पोल में उन्हें सबसे ज्यादा 16 प्रतिशत वोट मिले थे. टाइम के पोल में कुल 50 लाख लोगों ने वोट डाले गए थे. इस वजह से टाइम मैगजीन पर पक्षपात के भी आरोप लगे थे.