लड़कियों ने बनाया यूरिन से चलने वाला जेनरेटर

आपने डीजल और बिजली से चलने वाले जेनरेटर तो जरूर देखे होंगे, लेकिन अफ्रीका की चार छात्राओं ने एक ऐसा जेनरेटर बनाया है, जो यूरिन यानी मूत्र से संचालित होगा. इन सभी छात्राओं डय़ूरो, अबियोला और फेलेके की उम्र 14 से 15 साल के बीच है. छात्राओं का दावा है कि उनका बनाया यह जेनरेटर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:37 PM

आपने डीजल और बिजली से चलने वाले जेनरेटर तो जरूर देखे होंगे, लेकिन अफ्रीका की चार छात्राओं ने एक ऐसा जेनरेटर बनाया है, जो यूरिन यानी मूत्र से संचालित होगा.

इन सभी छात्राओं डय़ूरो, अबियोला और फेलेके की उम्र 14 से 15 साल के बीच है. छात्राओं का दावा है कि उनका बनाया यह जेनरेटर एक लीटर यूरिन में छह घंटे की बिजली मुहैया करायेगा.

कैसे काम करेगी यह तकनीक?

सबसे पहले जेनरेटर के इलेक्ट्रोलिक सेल में यूरीन डाला जाता है. जो इससे हाइड्रोजन को अलग कर देता है. इसके बाद इस हाइड्रोजन को शुद्धिकरण के लिए वॉटर फिल्टर से गुजारा जाता है. ये हाइड्रोजन एक गैस सिलेंडर में एकत्रित होती जाती है. गैस सिलेंडर इस गैस को तरल बोरोक्स सिलेंडर में भेजता है, जिससे हाइड्रोजन में मौजूद वाष्प खत्म हो जाती है.

अब इस शुद्ध हाइड्रोजन गैस को जेनरेटर में प्रवाहित किया जाता है. इस जेनरेटर में सुरक्षा के तहत एक वन-वे वाल्व भी लगा हुआ है. हालांकि अभी तक इस जेनरेटर का केवल एक ही मॉडल मौजूद है, लेकिन यदि इसका प्रयोग सफल रहता है, तो यह अपने आप में किसी क्रांति से कम नहीं होगा.

Next Article

Exit mobile version