दक्षिण भारत, मोजाम्बिक जैसा है अंटार्कटिका का भूपटल

अहमदाबाद : अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया है कि अंटार्कटिका का भूपटल(पृथ्वी की उपरी सतह )दक्षिण एशिया और मोजाम्बिक से मिलता है जो इस बात का संकेत है कि किसी समय ये तीनों क्षेत्र जुड़े हुए थे. अंतरराष्ट्रीय पत्रिका पोलर रिसर्च में ‘इलेक्ट्रिकल स्ट्रक्चर बिनीथ शिरमाकर ओएसिस, ईस्ट अंटार्कटिका: ए मैग्नेटोटेलुरिक स्टडी’ शीर्षक से इस माह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2013 11:15 AM

अहमदाबाद : अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया है कि अंटार्कटिका का भूपटल(पृथ्वी की उपरी सतह )दक्षिण एशिया और मोजाम्बिक से मिलता है जो इस बात का संकेत है कि किसी समय ये तीनों क्षेत्र जुड़े हुए थे.

अंतरराष्ट्रीय पत्रिका पोलर रिसर्च में ‘इलेक्ट्रिकल स्ट्रक्चर बिनीथ शिरमाकर ओएसिस, ईस्ट अंटार्कटिका: ए मैग्नेटोटेलुरिक स्टडी’ शीर्षक से इस माह प्रकाशित अध्ययन में पाया गया है कि गहरे भूपटल के आकार में किसी प्रकार का बदलाव नहीं हुआ है और इस तरह यह इस बात का स्पष्ट साक्ष्य है कि भूवैज्ञानिक इतिहास में भारत, अंटार्कटिका और दक्षिण अफ्रीका एक साथ थे.

अध्ययन में यह भी पता चला है कि पश्चिमी हिस्से की तुलना में पूर्वी हिस्से में भूपटल(उपरी 20 किलोमीटर )मोटा है. अंटार्कटिका के पूर्वी हिस्से शिरमाकर ओएसिस के निकट मोटी परत देखी गई है. गुजरात उर्जा अनुसंधान प्रबंधन संस्थान के निदेशक टी हरिनारायण ने कई वर्षों में यह अनुसंधान किया है. वह इस अध्ययन के समय हैदराबाद में सीएसआईआर संचालित राष्ट्रीय भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान में थे. उनके साथ डी एन मूर्ति, के वीरास्वामी, एम संतोष और यू के सिंह ने भी इस अनुसंधान में योगदान दिया.

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