मैं कोई संत या प्रतीक नहीं हूं : सू ची

सिडनी : म्यामां में विपक्ष की नेता आंग सान सू ची ने आज जोर देते हुए कहा कि वह कोई संत या प्रतीक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह इस प्रकार की उपाधियों को नापसंद करती हैं और हमेशा खुद को एक ईमानदार राजनेता के रुप में देखती हैं.विश्वप्रसिद्ध कार्यकर्ता और लोकतंत्र की प्रबल समर्थक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2013 11:20 AM

सिडनी : म्यामां में विपक्ष की नेता आंग सान सू ची ने आज जोर देते हुए कहा कि वह कोई संत या प्रतीक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह इस प्रकार की उपाधियों को नापसंद करती हैं और हमेशा खुद को एक ईमानदार राजनेता के रुप में देखती हैं.विश्वप्रसिद्ध कार्यकर्ता और लोकतंत्र की प्रबल समर्थक सू ची को सालों तक देश के सैन्य शासन के हाथों अपने घर में नजरबंद रहना पड़ा और रिहाई के बाद से ही वह लोकतंत्र के लिए काम कर रही हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि वह एक आम इंसान हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने हमेशा यही सोचा कि मैं एक राजनेता हूं. मैं अपने आप को एक राजनेता के रुप में देखती हूं , किसी प्रतीक के रुप में नहीं. ’’ उन्होंने सिडनी में अपनी पहली आस्ट्रेलिया यात्र के दौरान दर्शकों के सामने यह बात कही.

उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने हमेशा प्रतीक शब्द का विरोध किया है क्योंकि यह बेहद स्थिर है. ’’नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची ने कहा कि उन्हें खुद को प्रतीक से अधिक संत कहे जाने से परेशानी है.उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आपको बता दूं कि मैं कोई किसी प्रकार की संत नहीं हूं. मुझे यह बड़ा उलझनभरा लगता है क्योंकि राजनेता , राजनेता हैं. लेकिन मैं मानती हूं कि एक ईमानदार राजनेता जैसी कोई चीज होती है और मैं उसके लिए प्रयास करती हूं.’’

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