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IS से लड़ने के लिए रूस ने मिलाया तालिबान से हाथ

मास्‍को : रूस से एक चौकाने वाला निर्णय करते हुए आईएसआईएस से लड़ाई के लिए एक अन्‍य आतंकी संगठन तालिबान से हाथ मिला लिया है. सीरिया पर हमले को लेकर लगातार अमेरिका की आलोचना झेल रहे ब्‍लादिमीर पुतिन ने आईएस के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने की गरज में तालिबान से हाथ मिला लिया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2015 9:38 AM

मास्‍को : रूस से एक चौकाने वाला निर्णय करते हुए आईएसआईएस से लड़ाई के लिए एक अन्‍य आतंकी संगठन तालिबान से हाथ मिला लिया है. सीरिया पर हमले को लेकर लगातार अमेरिका की आलोचना झेल रहे ब्‍लादिमीर पुतिन ने आईएस के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने की गरज में तालिबान से हाथ मिला लिया है. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार एक आतंकी संगठन से निपटने के लिए पुतिन ने दूसरे आतंकी संगठन के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ही दो दिवसीय रूस दौरे से लौट रहे हैं. मोदी और पुतिन ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता दुहराई है. दूसरी ओर रूसी सेना की ओर से सीरिया में हवाई हमलों पर अमेरिका का कहना है कि रूस आईएस को छोड़कर असद विरोधियों को निशाना बना रहा है.

अमेरिका का कहना है कि विरोधियों को निशाना बनाकर रूस मासूमों को मार रहा है जो सही नहीं है. आतंक के खिलाफ लड़ाई में पूरे विश्‍व का मत एक है लेकिन यह ध्‍यान दिया जाना चाहिए के मासूम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जाये. बडी मात्रा में अफीम की पैदावार वाले एक महत्वपूर्ण जिले के बडे हिस्से पर कब्जा करने वाले तालिबान आतंकियों को परास्त करने के लिए अमेरिका ने गुरुवार को अफगान बलों की मदद के वास्ते हवाई हमले किये. इस्लामी चरमपंथियों ने दक्षिण हेलमंड प्रांत पर अपनी पकड मजबूत करते हुए रविवार को गोलीबारी के बाद तकरीबन पूरे संगीन जिले पर कब्जे का दावा किया. भाग रहे बाशिंदों ने बताया है कि जिले में तालिबान चरमपंथियों को बढत मिल गयी है, जिससे पूरे प्रांत के चरमपंथियों के हाथों में जाने का डर है.

अमेरिकी सेना ने जिला केंद्र में छिपे दर्जनों सुरक्षा बलों को मुक्त कराने के अभियान में अफगान बल को मजबूती देने के लिए कल हवाई हमला किया. नाटो के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘अमेरिकी बलों ने संगीन में दो हमले किये.’ तालिबान के प्रवक्ता जैबुल्ला मुजाहिद ने बताया कि पूरे संगीन पर चरमपंथियों का कब्जा हो गया है जिससे अफगान बलों को सैन्य शिविर में जाना पडा जहां फंसे हुए सैनिकों की स्थिति बहुत खराब है. संगीन में एक स्थानीय पुलिस कमांडर अब्दुल वहाब ने कहा, ‘हमारे लोग भूखे-प्यासे हैं. रोटी पाने के लिए आगे बढने का मतलब मौत को न्यौता देना है.’ साथ ही कहा कि उनके दर्जनों कॉमरेड मारे गये और कई गंभीर रूप से घायल हो गये. ब्रिटेन ने मंगलवार को कहा कि उसके सैनिकों की एक छोटी टुकडी अफगानिस्तान में सबसे बडे ब्रिटिश बेस कैंप शोराबक पहुंची. नरेंद्र मोदी रूस से लौटते हुए आज अफगानिस्‍तान पहुंचे और वहां भारत की मदद से बने संसद भवन का उद्घाटन किया. मोदी के रूस दौरे और अफगानिस्‍तान दौरे को लेकर तालिबान ने धमकी भी दी थी.

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