आनेवाले दिनों में भूकंप के शक्तिशाली झटकों के लिए रहें तैयार : अध्ययन

लंदन : काठमांडो के 11 किलोमीटर नीचे भूमिगत विखंडन के कारण दबाव लगातार बढ़ रहा है और भारत क्षेत्र की धरती के नीचे की चट्टानों और नेपाल क्षेत्र की धरती के नीचे की चट्टानों के बीच टकराव जारी है. एक नये अध्ययन में इस बात की तरफ इशारा किया गया है कि इसके कारण उम्मीद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2016 6:36 PM

लंदन : काठमांडो के 11 किलोमीटर नीचे भूमिगत विखंडन के कारण दबाव लगातार बढ़ रहा है और भारत क्षेत्र की धरती के नीचे की चट्टानों और नेपाल क्षेत्र की धरती के नीचे की चट्टानों के बीच टकराव जारी है. एक नये अध्ययन में इस बात की तरफ इशारा किया गया है कि इसके कारण उम्मीद से पहले एक और भूकंप आ सकता है. अध्ययन में नेपाल में पिछले साल अप्रैल में आये भूकंप पर प्रकाश डाला गया है जिसमें आठ हजार से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी.

ब्रिटेन के सेंटर फॉर आब्जर्वेशन एंड मॉडलिंग ऑफ अर्थक्वेक, वोलकानो एंड टेक्टॉनिक्स (सीओएमईटी) के अनुसंधानकर्ताओं ने यह भी बताया है कि काठमांडो के 11 किलोमीटर नीचे हो रहा भू विखंडन रुक गया है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक और सीओएमईटी के सदस्य जॉन एलियट ने कहा ‘‘नेपाल में विश्व की कुछ सबसे उंची पर्वत श्रृंखलाएं हैं जिनका निर्माण भारतीय क्षेत्र में धरती के नीचे की चट्टानों के एशिया की भूमिगत चट्टानों के साथ टकराव के फलस्वरुप लाखों वर्षों में हुआ.” इस अध्ययन का प्रकाशन नेचर जियोसाइंस में हुआ है.

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