सिंगापुर ने लिट्ल इंडिया में शराब पर लगा प्रतिबंध
सिंगापुर : पिछले रविवार को लिट्ल इंडिया इलाके में हुए दंगे के मद्देनजर सिंगापुर ने वहां इस सप्ताह के अंत तक शराब की बिक्री और उसकी खपत पर प्रतिबंध लगा दिया है.सिंगापुर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस टी राज कुमार ने बताया कि सार्वजनिक आदेश (संरक्षण )के तहत इलाके को इस सप्ताह तक ‘‘घोषित क्षेत्र’’ […]
सिंगापुर : पिछले रविवार को लिट्ल इंडिया इलाके में हुए दंगे के मद्देनजर सिंगापुर ने वहां इस सप्ताह के अंत तक शराब की बिक्री और उसकी खपत पर प्रतिबंध लगा दिया है.सिंगापुर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस टी राज कुमार ने बताया कि सार्वजनिक आदेश (संरक्षण )के तहत इलाके को इस सप्ताह तक ‘‘घोषित क्षेत्र’’ घोषित किया गया है जिसके तहत कोई भी इलाके के लगभग1-1 वर्ग किलो मीटर के क्षेत्र में शराब की बिक्री या उसकी खपत नहीं कर सकता है.
उन्होंने कहा कि जो कोई भी इलाके में सार्वजनिक तौर पर उपद्रव करने की कोशिश के तहत शराब के नशे में या उत्पात मचाते हुए देखा जाएगा उसे गिरफ्तार किया जा सकता है.
सिंगापुर डेली स्ट्रेट टाइम्स ने टी राजा को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘लेकिन कुछ लोगों को यह एहसास नहीं हो सकता क्योंकि ये सूचना अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाई है. हमारे अधिकारी उन तक ये सूचना पहुंचाएंगे. यदि वे सहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए शराब से दूर रहेंगे या इलाके से बाहर चले जाएंगे तो वह ज्यादा अच्छा होगा.’’यह प्रतिबंध सेरांगून मार्ग इलाके के बड़े हिस्से में लागू है जिसके तहत करीब 374 प्रतिष्ठान्न आते हैं. यह इलाका लिट्ल इंडिया के नाम से जाना जाता है. यहां भारतीय मूल के व्यापारियों का कारोबार चलता है.
सिंगापुर के मानव संसाधन मंत्रलय :मैनपावर मिनिस्टरी: और भूमि परिवहन प्राधिकरण :एलटीए: ने पिछले रविवार को हुए दंगे को देखते हुए इलाके में ‘‘शांति और सद्भाव की जरुरत’’ पर जोर दिया है.भारतीय मूल के 33 वर्षीय युवक शक्तिवेल कुमारावालू के एक बस दुर्घटना में मारे जाने के बाद करीब 400 दक्षिण एशियाई कर्मचारी उत्तेजित हो गए और सड़कों पर आ गए. इस घटना के बाद दंगा भड़का था.
दंगे में 39 होम टीम अधिकारी घायल हो गए थे और पुलिस व सिंगापुर नागरिक रक्षा बल की 25 गाड़ियों को नष्ट किया.
एलटीए ने रविवार को 25 निजी बसों की सेवाएं अस्थायी तौर पर रोक दीं. ये बसें लोगों को लिटल इंडिया ले जाती थीं. अक्सर ये लोग छुट्टी मनाने के लिए लिटल इंडिया जाते थे.बीते 40 साल में पहली बार इलाके में शराब पर रोक लगाई गई है.