सुषमा ने अरब लीग से कहा: हमें धर्म को आतंकवाद से अलग करना होगा
मनामा: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने धर्म को आतंकवाद से अलग करने की मजबूती से मांग करते हुए आज कहा कि भारत और अरब जगत को समस्या के खात्मे के लिए हाथ मिलाना चाहिए. उन्होंने साथ ही आगाह करते हुए कहा कि जो चुपचाप आतंकी समूहों को प्रायोजित करते हैं वे अंत में उनके द्वारा […]
मनामा: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने धर्म को आतंकवाद से अलग करने की मजबूती से मांग करते हुए आज कहा कि भारत और अरब जगत को समस्या के खात्मे के लिए हाथ मिलाना चाहिए. उन्होंने साथ ही आगाह करते हुए कहा कि जो चुपचाप आतंकी समूहों को प्रायोजित करते हैं वे अंत में उनके द्वारा इस्तेमाल हो सकते हैं.
सुषमा ने अरब लीग देशों के विदेश मंत्रियों से कहा, ‘‘जिनका मानना है कि इस तरह के आतंकी समूहों के मूक प्रायोजन से उन्हें फायदा पहुंचेगा, उन्हें महसूस करना चाहिए कि उनका अपना खुद का एजेंडा है और प्रायोजक ने उनका जिस तरह इस्तेमाल किया है, वे उससे कहीं ज्यादा प्रभावशाली तरीके से संरक्षकों का इस्तेमाल करने में माहिर हैं.’ अरब-भारत सहयोग मंच की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक में धर्म को आतंकवाद से अलग करने की कडी वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों में अंतर केवल मानवता में विश्वास रखने वालों और विश्वास ना रखने वालों का है.
उन्होंने मंच को अरब जगत के साथ भारत के संबंधों में एक ‘नया मोड’ बताया. कल दो दिन के दौरे पर यहां पहुंचीं सुषमा ने कहा, ‘‘आतंकी धर्म का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सभी धर्म के लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं.’ उन्होंने ‘‘विविधता में एकता के भारत के मॉडल’ को धर्मांधता और कट्टरपंथ से निपटने के लिए दुनिया के लिए उदाहरण बताया.विदेश मंत्री का किसी विश्व मंच पर भारत की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विविधता का हवाला देना महत्व रखता है क्योंकि भारत में कथित रूप से बढती असहिष्णुता के विषय पर यह हाल में शुरु हुई बहस की पृष्ठभूमि में आया.
सुषमा ने कहा, ‘‘भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं. हमारा संविधान धार्मिक समानता के मौलिक सिद्धांतों और ना केवल कानून के समक्ष बल्कि रोजाना व्यवहार में भी सभी धर्मों की समानता के लिए प्रतिबद्ध है.’