वाशिंगटन : अमेरिका और पाकिस्तान ने कश्मीर के मुद्दे का शांतिपूर्ण हल तलाश करने की जरुरत पर जोर देते हुए क्षेत्र में ‘सभी पक्षों’ से अपील की है कि वे तनाव कम करने के लिए ‘अधिकतम संयम’ बरतें. अमेरिका और पाकिस्तान की छठी रणनीतिक वार्ता संपन्न होने एक दिन बाद दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘अमेरिका और पाकिस्तान ने कश्मीर समेत सभी लंबित मुद्दों के शांतिपूर्ण हल के लिए सार्थक वार्ता के महत्व पर जोर दिया है.’ इस वार्ता की सह-अध्यक्षता अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सलाहकार सरताज अजीज ने की.
साझा बयान में कहा गया, ‘प्रतिनिधिमंडलों ने माना है कि क्षेत्र के सभी पक्षों को तनाव कम करने की दिशा में अधिकतम संयम बरतते हुए मिलजुल कर लगातार काम करना चाहिए.’ बयान में कहा गया, ‘जैश-ए-मोहम्मद के नेता मौलाना मसूद अजहर को हिरासत में लिए जाने समेत पाकिस्तान की ओर से आज तक उठाये गये कदमों पर गौर करते हुए अमेरिका ने प्रधानमंत्री शरीफ के उस वादे की सराहना की, जिसमें उन्होंने पठानकोट एयरबेस पर दो जनवरी 2016 को हुए हमले की जांच पर त्वरित एवं निर्णयात्मक कदम उठाने और इसके साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने की बात कही.’
इस संयुक्त बयान में कहीं भी भारत का जिक्र नहीं था. बयान में अमेरिका ने बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण कानूनों के साथ अपने रणनीतिक व्यापार नियंत्रण का तालमेल बैठाने के पाकिस्तान के जारी प्रयासों को रेखांकित किया. बयान में कहा गया कि अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ पाकिस्तान के ‘अति सक्रिय जुडाव’ की भी सराहना की. इसमें उसके द्वारा अपने परमाणु सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र पर आईएईए की प्रशिक्षण गतिविधियों की मेजबानी करना और परमाणु सुरक्षा सम्मेलनों में इसकी सक्रिय भागीदारी शामिल है.
अमेरिका वर्ष 2016 के परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शरीफ की भागीदारी का इंतजार कर रहा है. अमेरिका ने परमाणु सामग्री की भौतिक सुरक्षा से जुडे समझौते में वर्ष 2005 में किये गये सुधार के पाकिस्तान की ओर से सैद्धांतिक तौर पर किये गये अनुमोदन की सराहना की. साझा बयान के अनुसार, पाकिस्तान ने इस बात की पुष्टि की कि वह विश्वास बनाने और सशस्त्र संघर्ष से जुडे जोखिम को कम करने वाले उपाय अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है. दोनों पक्षों ने दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता और ज्यादा पारदर्शिता लाने में अपने साझे हित को रेखांकित किया.
दोनों पक्ष मई 2016 में होने वाली सुरक्षा, रणनीतिक स्थिरता एवं अप्रसार कार्य समूह की बैठक का इंतजार कर रहे हैं. रणनीतिक वार्ता के दौरान दोनों देशों ने सभी आतंकियों को बिना किसी अंतर के निशाना बनाते हुए आतंकवाद से निपटने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया. अजीज ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी करार दिये गये लोगों और संस्थाओं के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने के पाकिस्तान के संकल्प का अनुमोदन किया.
इन संस्थाओं में अल-कायदा, हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा एवं उसके सहयोगी संगठन शामिल हैं. अजीज ने कहा कि पाकिस्तान संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और आर्थिक कार्य बल के तहत आने वाली वाली अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरुप इस संकल्प का पालन करेगा. दोनों देशों ने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और पारदर्शिता बढाना जारी रखने और हिंसक चरमपंथ एवं आतंकवाद से उपजे खतरों को मिटाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की.