उत्तर कोरिया ने दी दक्षिण कोरिया और अमेरिका पर परमाणु हमलों की धमकी
सोल : उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि यदि वे दोनों देश आज से शुरू होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यासों को आगे बढाते हैं तो वह उन पर ‘अंधाधुंध’ परमाणु हमले बोल देगा. ‘न्याय के लिए एहतिहातन परमाणु हमले’ की यह धमकी उत्तर कोरिया के शक्तिशाली नेशनल […]
सोल : उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि यदि वे दोनों देश आज से शुरू होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यासों को आगे बढाते हैं तो वह उन पर ‘अंधाधुंध’ परमाणु हमले बोल देगा. ‘न्याय के लिए एहतिहातन परमाणु हमले’ की यह धमकी उत्तर कोरिया के शक्तिशाली नेशनल डिफेंस कमीशन ने एक बयान में कोरियन पीपल्स आर्मी के उच्चतम कमांड के हवाले से दी है. इस धमकी से कुछ ही दिन पहले संयुक्त राष्ट्र के उत्तर कोरिया पर लगाये गये नये कडे प्रतिबंधों के जवाब में नेता किम जोंग-उन ने देश के परमाणु हथियारों के जखीरे को ‘किसी भी क्षण’ इस्तेमाल करने के लिए तैयार रखने को कहा था.
ये प्रतिबंध उत्तर कोरिया की ओर से जनवरी में किये गये चौथे परमाणु परीक्षण और बीते माह किये गये लंबी दूरी के रॉकेट प्रक्षेपण के कारण लगाये गये थे. प्योंगयांग पहले भी परमाणु हमले की कई बार चेतावनी दे चुका है. ये चेतावनी आम तौर पर कोरियाई प्रायद्वीप में बढे हुए सैन्य तनाव के दौरान दी जाती रही हैं. नेशनल डिफेंस कमीशन ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के वार्षिक सैन्य अभ्यासों को ऐसा ‘खुला परमाणु युद्ध अभ्यास’ करार दिया, जिससे उत्तर कोरिया की राष्ट्रीय संप्रभुता को खतरा है. कमीशन ने इसके जवाब में पुरजोर तरीके से आक्रमण का संकल्प लिया.
उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी केसीएनए के बयान में कहा गया, ‘अंधाधुंध परमाणु हमला. उग्रता और युद्ध के लिए उत्सुक लोगों को उत्तर कोरिया की सैन्य क्षमता स्पष्ट तौर पर दिखा देगा.’ कोई भी हमला सिर्फ कोरियाई प्रायद्वीप के सक्रिय ठिकानों को ही निशाने पर नहीं लेगा, यह मुख्य भूभाग और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों पर भी निशाना साधेगा.
बयान में कहा गया, ‘दुश्मनों के विनाश के लिए यदि हम इस समय भी बटन दबा दें तो उकसावे के सभी आधार लपटों और राख में तब्दील होकर समुद्र में जा गिरेंगे.’ आज शुरू होने वाले वार्षिक अभ्यासों को ‘फोल ईगल’ और ‘की रीजॉल्व’ कहा जाता है. ये अभ्यास कई सप्ताह तक चलते हैं और इसमें अमेरिका और दक्षिण कोरिया के हजारों सैनिक शामिल होते हैं. प्योंगयांग लंबे समय से इन अभ्यासों को घुसपैठ की उकसावे पूर्ण तैयारी करार देता आया है जबकि सोल और वाशिंगटन इन्हें रक्षात्मक अभ्यास कहते हैं.