चेचन्या सीमा के पास पत्रकारों पर हमला : रूसी समूह
मास्को : रूस के एक मानवाधिकार समूह ने कहा है कि चेचन्या सीमा के पास एक समूह ने विदेशी एवं रूसी पत्रकारों एवं एक गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ताओं को ले जा रही छोटी बस पर हमला बोल दिया. हमलावरों ने बस में सवार लोगों को पीटा और बस को आग लगा दी. रूसी राष्ट्रपति […]
मास्को : रूस के एक मानवाधिकार समूह ने कहा है कि चेचन्या सीमा के पास एक समूह ने विदेशी एवं रूसी पत्रकारों एवं एक गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ताओं को ले जा रही छोटी बस पर हमला बोल दिया. हमलावरों ने बस में सवार लोगों को पीटा और बस को आग लगा दी. रूसी राष्ट्रपति मानवाधिकार परिषद के सदस्य और उत्पीडन रोकथाम समिति के अध्यक्ष ने परिषद की वेबसाइट पर कहा है कि तीन कारों में सवार होकर आए हमलावरों ने वाहन का रास्ता रोक दिया. एनजीओ के क्षेत्रीय नेता तिमूर रखमतुलिन ने एपी को बताया कि दो पत्रकारों और बस के चालक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है लेकिन उनकी हालत का पता तत्काल नहीं चल पाया है.
तिमूर ने कहा कि दौरे पर आए पत्रकारों में स्वीडन के सरकार रेडियो का एक रिपोर्टर और नार्वे के एक अखबार का रिपोर्टर शामिल था. इसके अलावा रूसी अखबार कोमेरसेंत और रूस के ही न्यू टाईम्स एवं मीडियाजोना के भी रिपोर्टर थे. कोमेरसेंट ने मीडियाजोना के पत्रकार येगर स्कोवोरोदा के हवाले से कहा, ‘वे लोग चिल्ला रहे थे, ‘तुम आतंकियों का समर्थन कर रहे हो, जो हमारे पिताओं के हत्यारे हैं.’ हम जमीन पर पडे थे लेकिन उन्होंने हमें निकल जाने का कहते हुए हमपर चिल्लाना शुरु कर दिया.’ हमलावरों के शब्दों का अर्थ तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका.
चेचन्या और रूस के उत्तरी काकेशिया में मुस्लिम बडी संख्या में हैं लेकिन इनमें क्रेमलिन समर्थित चेचन राष्ट्रपति रमजान कादीरोव का समर्थन करने वालों और सीरिया एवं इराक में इस्लामिक स्टेट जैसे समूहों की ओर झुकाव रखने वाले इस्लामी चरमपंथियों के समर्थकों के बीच एक विभाजन है. अपनी विचारधारा के आधार पर, क्षेत्र में कुछ लोग रूस की ओर से सीरिया में बोले जाने वाले हवाई हमलों की आलोचना करते हैं और कुछ कादीयरोव की अस्वीकार्यता पर रोष जताते हैं. कादीयरोव के तानाशाही शासन के कारण उसकी आलोचना की जाती है.