मॉस्को : रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने सीरिया से अपनी सेना को हटने के आदेश दे दिये हैं. यह आदेश सोमवार को दिये गये हैं. आज से धीरे-धीरे सेना वहां से हटना शुरू कर देगी. इस फैसले पर पर पुतिन ने कहा कि जिस उद्देश्य से सेना को वहां तैनात किया गया था, लगभग पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि हम युद्धविराम को बढ़ावा देने को हमेशा तत्पर हैं. हालांकि पुतिन के इस फैसले से पूरा विश्व समुदाय हैरान है. अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की है और अमरीकी राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक दोनों नेताओं ने संघर्षविराम को आगे बढ़ाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की है.
उनका बयान उस समय आया है जब जिनेवा में सीरिया के पांच साल लंबे गृह युद्ध को खत्म करने के लिए शांति वार्ता का ताजा दौर चल रहा है. रूस सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद का प्रमुख समर्थक है. सैन्य कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका ने भी कई बार कहा है कि रूस आतंकियों को निशाना नहीं बना रहा है, बल्कि असद विरोधियों को समाप्त कर रहा है. जबकि रूस ने कई बार इसका विरोध किया.
राष्ट्रपति असद के कार्यालय ने भी एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति असद भी रूस के इस कदम से सहमत हैं. बयान में कहा गया था कि सेना को वापिस बुलाने का आदेश ‘जमीन पर जो स्थिति है, उसके अनुकूल’ है. हालांकि राष्ट्रपति पुतिन इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि सीरिया में रूस का एक हवाई अड्डा और एक नौसेनिक संचालन केंद्र रहेगा.
सीरिया वार्ता शुरू, असद का भविष्य अहम पहलू
सीरिया के गृहयुद्ध को खत्म करने के लिए आज जिनेवा में बातचीत आरंभ हुई, लेकिन कोई कामयाबी मिलने की उम्मीद कम हैं क्योंकि राष्ट्रपति बशर अल असद के भविष्य को लेकर काफी मतभेद है. संयुक्त राष्ट्र की मेजबानी वाली यह वार्ता सीरिया संकट की शुरुआत की पांचवीं बरसी से एक दिन पहले हुई है.
सीरिया में संकट खत्म करने के लिए यह ताजा कोशिश है. इस संकट में अब तक 270,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और लाखों लोग बेघर हुए हैं. जिनेवा में इस वार्ता के लिए प्रतिनिधियों के पहुंचने के साथ ही सीरिया ने चेतावनी दी कि असद को हटाने के बारे में कोई भी चर्चा ‘लक्ष्मण रेखा’ होगी.