वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीरिया में रूस की सेना की सुनियोजित वापसी पर चर्चा की. यह जानकारी व्हाइट हाउस ने हैरान कर देने वाली रूसी सेना की आंशिक वापसी की उस घोषणा के कुछ घंटों बाद दी जो पांच साल पुराने संघर्ष में नये चरण का संकेत देती है. व्हाइट हाउस ने कल एक बयान में कहा, ‘उन्होंने सीरिया से रूसी बलों की आंशिक वापसी की राष्ट्रपति पुतिन की घोषणा और संघर्ष विराम को पूरी तरह लागू करने के लिए आवश्यक अगले कदमों पर आज चर्चा की.’
इससे पूर्व अमेरिकी अधिकारियों ने आज से ‘सीरियाई अरब गणराज्य से रूसी सैन्य टुकडियों के अहम भाग’ की वापसी शुरू करने के पुतिन के आदेश के सतर्क प्रारंभिक मूल्यांकन का प्रस्ताव रखा. व्हाइट हाउस ने ओबामा के हवाले से कहा, ‘सीरियाई शासन बलों द्वारा हमले की लगातार कार्रवाई से संघर्ष विराम और संयुक्त राष्ट्र नीत राजनीतिक प्रक्रिया के कमजोर होने का खतरा है.’
उसने कहा, ‘अमेरिका ने सीरिया में मानवीय सहायता प्रयासों में हुई कुछ प्रगति पर भी गौर किया लेकिन खासकर दराया और जिन स्थानों के लिए सहमति बनी है, उन तक मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए शासन बलों द्वारा बेरोक पहुंच की अनुमति दिये जाने की आवश्यकता पर बल दिया.’ पुतिन ने सितंबर में हवाई हमले शुरू करके और बडे स्तर पर सेना की तैनाती करके लंबे और बर्बर युद्ध में हवा का रुख सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की ओर मोड दिया था और उनकी सत्ता को ढहने की कगार से बचा लिया था. हाल में शुरू किये गये ‘संघर्षविराम’ का बार-बार उल्लंघन किया गया है लेकिन ओबामा ने कहा कि इससे ‘हिंसा में काफी कमी आई है.’
रूसी सेना की आंशिक वापसी की घोषणा के बाद सीरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने अपने फेसबुक पेज पर कहा कि मॉस्को शासन की ‘आंतकवाद विरोधी’ लडाई में अपना समर्थन देना जारी रखेगा. उसने कहा, ‘राष्ट्रपतियों बशर अल असद और व्लादिमीर पुतिन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत में सीरिया और रूसी पक्षों ने सीरिया में रूसी वायुसेना बल के जवानों की संख्या कम करने पर सहमति जताई. रूसी पक्ष ने कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ लडाई में सीरिया को समर्थन देना जारी रखेगा.’
इस बीच जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर ने कहा कि सीरिया से मॉस्को बलों की वापसी की घोषणा से ‘राजनीतिक बदलाव’ पर वार्ता करने के लिए सीरिया के राष्ट्रपति असद पर दबाव बढेगा.