उत्तर कोरिया ने फिर किया दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण

सोल : देश के नेता किम जोंग-उन द्वारा सिलसिलेवार परमाणु अस्त्र परीक्षणों और मिसाइल प्रक्षेपणों का संकल्प लिए जाने के कुछ ही दिन बाद उत्तर कोरिया ने आज दो प्रायोगिक परीक्षण किए. ऐसा माना जा रहा है कि ये दो बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण थे. उत्तर कोरिया की ओर से छह जनवरी को अपना चौथा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2016 8:46 AM

सोल : देश के नेता किम जोंग-उन द्वारा सिलसिलेवार परमाणु अस्त्र परीक्षणों और मिसाइल प्रक्षेपणों का संकल्प लिए जाने के कुछ ही दिन बाद उत्तर कोरिया ने आज दो प्रायोगिक परीक्षण किए. ऐसा माना जा रहा है कि ये दो बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण थे. उत्तर कोरिया की ओर से छह जनवरी को अपना चौथा परमाणु परीक्षण किए जाने के बाद से ही विभाजित कोरियाई प्रायद्वीप में सैन्य तनाव बढा हुआ है.

इसके एक माह बाद उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी वाले रॉकेट का प्रक्षेपण किया था, जिसे व्यापक तौर पर एक गुप्त बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण माना गया था.\अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने दो प्रक्षेपणों का निरीक्षण किया था. इन दोनों को ही मध्यम दूरी की रोडोंग मिसाइलें माना जाता है, जिन्हें सडक पर चल सकने वाले प्रक्षेपण वाहनों की मदद से दागा गया था. रोडोंग की अधिकतम मारक क्षमता करीब 1300 किलोमीटर की है.

दक्षिण कोरिया के सैन्य अधिकारियों ने कहा कि पहली मिसाइल देश के दक्षिण पश्चिम में स्थित सुक्चोन से स्थानीय समयानुसार सुबह पांच बजकर 55 मिनट पर दागी गयी. यह पूर्वी सागर (जापान सागर) में गिरने से पहले 800 किलोमीटर तक उडी थी. अधिकारियों ने कहा कि दूसरी मिसाइल लगभग 20 मिनट बाद दागी गई। अपनी उडान के कुछ ही क्षण में यह रडार से गायब हो गयी थी.

संयुक्त राष्‍ट्र के प्रतिबंधों करते किम जोंग उन पर कोई असर नहीं

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन पर संयुक्त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के किसी भी प्रतिबंध का कोई असर नहीं हो रहा है. आज के इन प्रक्षेपणों से एक ही दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक आदेश पर हस्ताक्षर किये थे, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा उत्तर कोरिया के खिलाफ इस माह की शुरुआत में स्वीकार किये गये कडे प्रतिबंधों को लागू करने की बात कही गयी थी. पिछले दो सप्ताह में प्योंगयांग नियमित रूप से सोल और वाशिंगटन के खिलाफ परमाणु हमलों की धमकियां देता रहा है.

उत्तर कोरिया दरअसल दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापक सैन्य अभ्यासों से नाराज है और वह इन अभ्यासों को आक्रमण की भडकाउ तैयारी के रूप में देखता है. संयुक्त अभ्यासों पर अपना रोष दर्ज करवाने के लिए उत्तर कोरिया ने 10 मार्च को पूर्वी सागर में छोटी दूरी की दो मिसाइलें दागी थीं. कुछ दिन बाद, किम ने घोषणा की कि ‘कुछ ही समय में’ परमाणु अस्त्रों के विस्फोट का एक परीक्षण और ‘कई तरह की’ बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रक्षेपण किया जाएगा.

संयुक्तराष्ट्र के मौजूदा प्रतिबंध उत्तर कोरिया को कोई भी बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण करने से रोकते हैं. हालांकि छोटी दूरी के प्रक्षेपणों के लिए सजा नहीं होती. रोडोंग परीक्षण की मारक क्षमता ज्यादा दूरी वाली होने के कारण यह अधिक भडकाउ है. जापान का अधिकांश हिस्सा इसकी जद में आता है. रोडोंग का पिछला परीक्षण मार्च 2014 में किया गया था. उस समय पूर्वी सागर में दो मिसाइलें दागी गयी थीं.

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि उन्होंने अपनी सरकार को आज के परीक्षण की जांच के आदेश दे दिये हैं. इसके साथ ही उन्होंने मिसाइल गिरने वाले जल क्षेत्र में नौवहन की सुरक्षा की पुष्टि के भी आदेश दिये हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके प्योंगयांग से कहा है कि वह ऐसे किसी भी कदम को उठाने से बचे, जिसके कारण ‘तनाव और अधिक बढ सकता हो.’

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