आतंकवाद की समस्या, ‘उसका” आतंकी ‘मेरा” आतंकी नहीं हो सकता : नरेंद्र मोदी
वाशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परमाणु सुरक्षा एक बाध्यकारी राष्ट्रीय प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी देशों को अपने अंतरराष्ट्रीय कर्तव्यों का पूरी तरह पालन करना चाहिए. दो दिवसीय परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा […]
वाशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परमाणु सुरक्षा एक बाध्यकारी राष्ट्रीय प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी देशों को अपने अंतरराष्ट्रीय कर्तव्यों का पूरी तरह पालन करना चाहिए. दो दिवसीय परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा व्हाइट हाउस में आयोजित किये गये रात्रिभोज के दौरान मोदी ने कहा, ‘परमाणु सुरक्षा एक बाध्यकारी राष्ट्रीय प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए. सभी देशों को अपने अंतरराष्ट्रीय कर्तव्यों का पूरी तरह पालन करना चाहिए.’
व्हाइट हाउस में रात्रिभोज के दौरान मोदी ओबामा से ठीक अगली सीट पर बैठे थे। इस भोज में 20 से ज्यादा देशों के प्रमुख शामिल थे. ये नेता चौथे परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए अमेरिका की राजधानी में आए हुए हैं. परमाणु सुरक्षा पर अमेरिकी राष्ट्रपति की पहल के लिए उनकी सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि ओबामा की विरासत आगे तक बनी रहनी चाहिए.
मोदी ने कहा, ‘परमाणु सुरक्षा को विशेष तौर पर रेखांकित करके ओबामा ने वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बडा योगदान दिया है.’ आतंकवाद के कारण दुनिया के सामने उपजे संकट की व्यापकता के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रसेल्स हमले दिखाते हैं कि परमाणु सुरक्षा पर आतंकवाद के कारण मंडराने वाला खतरा कितना वास्तविक और तात्कालिक है.
मोदी ने तीन पहलुओं को किया रेखांकित
मोदी ने आतंकवाद के उन तीन समकालीन पहलुओं को रेखांकित किया, जिनपर दुनिया को ध्यान केंद्रित करना चाहिए. मोदी ने कहा कि आतंकवाद चरमपंथी हिंसा का इस्तेमाल युद्धक्षेत्र की तरह करता है. उन्होंने कहा, ‘दूसरा अब हम किसी गुफा में छिपे आदमी की तलाश नहीं कर रहे हैं, अब हमें उस आतंकी की तलाश है, जो शहर में मौजूद है और जिसके पास एक कंप्यूटर और स्मार्टफोन है. तीसरा, परमाणु तस्करों और आतंकियों के साथ मिलकर काम करने वाले सरकारी तत्व सबसे बडा खतरा पैदा करते हैं.’
आतंकवाद के विकसित हो जाने की बात कहते हुए मोदी ने कहा कि आतंकी 21वीं सदी की तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. ‘लेकिन हमारी प्रतिक्रियाएं अब भी पुराने जमाने की हैं.’ मोदी ने कहा कि आतंकवाद की पहुंच और आपूर्ति श्रृंखला वैश्विक है लेकिन देशों के बीच स्वाभाविक सहयोग (वैश्विक) नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘यह धारणा छोड दीजिए कि आतंकवाद किसी और की समस्या है और ‘उसका’ आतंकी ‘मेरा’ आतंकी नहीं है.’ प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा, ‘आतंकवाद का नेटवर्क वैश्विक तौर पर मौजूद है. लेकिन इस खतरे से निपटने के लिए हम अब भी राष्ट्रीय तौर पर ही काम करते हैं.