भारत की अपील, मानवता के नाते सरबजीत को रिहा करे पाक
नयी दिल्ली : भारत ने आज पाकिस्तान से कहा कि वह सरबजीत सिंह को रिहा कर दे. पडोसी देश की लाहौर जेल में कैद सरबजीत पर कुछ अन्य कैदियों ने जानलेवा हमला किया, जिसके बाद से उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. भारत ने इस हमले की भलीभांति जांच कराने की मांग भी की है […]
नयी दिल्ली : भारत ने आज पाकिस्तान से कहा कि वह सरबजीत सिंह को रिहा कर दे. पडोसी देश की लाहौर जेल में कैद सरबजीत पर कुछ अन्य कैदियों ने जानलेवा हमला किया, जिसके बाद से उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. भारत ने इस हमले की भलीभांति जांच कराने की मांग भी की है ताकि दोषियों को दंड सुनिश्चित हो सके. भारत सरकार ने पाकिस्तान से 49 वर्षीय सरबजीत को भारत वापस भेजने के बारे में विचार करने के लिए कहा है ताकि वह भारत में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ चिकित्सकीय उपचार हासिल कर सके. सरबजीत का इलाज कर रहे डाक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बतायी है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह सरबजीत के परिवार वालों की पीडा साझा करता है और कहा कि परिवार वालों के साथ उनकी दुआएं हमेशा रहेंगी.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हाल की त्रसदीपूर्ण घटनाओं और मौजूदा हालात के मददेनजर हम एक बार फिर पाकिस्तान सरकार से अपील करते हैं कि वह सहानुभूतिपूर्ण और मानवीय रवैया अपनाये और सरबजीत सिंह को रिहा कर दे. मंत्रालय ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की जेलों में बंद सभी भारतीय कैदियों की सुरक्षा का जिम्मा पाकिस्तान सरकार का है. इस बीच मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारी लाहौर स्थित जिन्ना अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों के लगातार संपर्क में बने हुए हैं. इससे पहले गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने यहां संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी कोशिश होगी और हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि सरबजीत सिंह को उचित चिकित्सकीय उपचार मिले चाहे पाकिस्तानी डाक्टर उसका इलाज करें या फिर विदेश से चिकित्सकीय विशेषज्ञ बुलाने पडें. यदि हमारी ओर से किसी तरह की सहायता की आवश्यकता है तो हम पूर्ण चिकित्सकीय मदद मुहैया कराने को तैयार हैं.’’ उन्होंने कहा कि सरबजीत अत्यंत गंभीर हालत में हैं और उसके परिवार वालों की मांग है कि सरबजीत को भारत भेजना चाहिए. यह ऐसा मुद्दा है जो भारत राजनयिक जरिये से पाकिस्तानी अधिकारियों के समक्ष उठा सकता है. सिंह ने कहा कि प्राथमिकता यह है कि सरबजीत ठीक हो जाए. उसकी ठीक से देखरेख हो. उसे जो भी चिकित्सकीय उपचार चाहिए, मिले. हम उसकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर लगातार संपर्क में हैं. कोट लखपत जेल में सरबजीत पर हुए बर्बर हमले को सिंह ने अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया. इससे पहले पाकिस्तान के अधिकारियों ने आज मीडिया की उस खबर को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि एक चिकित्सा बोर्ड जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को उपचार के लिए बाहर भेजने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. अधिकारियों ने बताया कि जिन्ना अस्पताल के सीईओ महमूद शौकत की अगुवाई वाले चार सदस्यीय चिकित्सा बोर्ड ने आज सुबह सरबजीत की नियमित जांच की है. बीते शुक्रवार को हुए हमले के बाद से सरबजीत का इसी अस्पताल में उपचार चल रहा है. उन्होंने मीडिया की उस खबर को खारिज कर दिया कि जिसमें कहा गया था कि यह चिकित्सा बोर्ड सरबजीत को उपचार के लिए विदेश ले जाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है.
पंजाब प्रांत के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.’’इस अधिकारी ने कहा, ‘‘असल बात यह है कि इस चिकित्सा बोर्ड को सरबजीत को विदेश भेजने के बारे में फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है.’’उन्होंने कहा कि चिकित्सा बोर्ड मरीज पर नजदीकी निगरानी बनाए हुए हैं और सरबजीत को ‘सर्वश्रेष्ठ उपचार’ दिया जा रहा है. अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि सरबजीत की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है.
सूत्रों ने कहा, ‘‘चिकित्सा बोर्ड में शौकत के अलावा प्रोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल इंस्टीट्यूट की प्राचार्य अंजुब हबीब वोहरा, जिन्ना अस्पताल के न्यूरो विभाग के प्रमुख जफर चौधरी और किंग एडवर्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी के न्यूरो-फिजीशियन नईम कसूरी शामिल हैं.’’ इससे पहले खबर आई थी कि शौकत की अगुवाई वाले बोर्ड को सरकार ने आदेश दिया है कि वह इस बात का फैसला करे कि 49 वर्षीय सरबजीत को उपचार के लिए विदेश भेजा जाए या फिर विदेशी न्यूरोसजर्न को यहां बुलाया जाए.
सरबजीत पर शुक्रवार को लाहौर के कोटलखपत जेल में हमला हुआ था जिसके बाद से वह जिन्ना अस्पताल में भर्ती है. वह गहरे कोमा में है और चिकित्सकों का कहना है कि उसके बचने की संभावना कम है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 1990 में हुए बम हमलों में संलिप्तता के लिये सरबजीत को दोषी ठहराया गया था जिसमें 14 व्यक्ति मारे गये थे. सरबजीत के परिवार का कहना है कि वह गलत पहचान का शिकार बना है.