लाहौर : भारत और पाकिस्तान ने इस बात पर सहमति जतायी कि अनजाने में सीमा पार करने वाले लोगों को तत्काल उनके देश वापस भेजा जाए. यह निर्णय पाकिस्तानी रेंजर्स और भारत के सीमा सुरक्षा बल की यहां पांच दिवसीय द्विवार्षिक बैठक में किया गया.
बैठक के बाद जारी एक बयान के अनुसार दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति और सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी रखने का निर्णय किया. दोनों देशों के सीमा रक्षकों ने इस बात पर सहमति जतायी कि अनजाने ही सीमा पार करने वालों को तत्काल उनके देश वापस भेजा जाएगा. दोनों पक्षों ने सीमा पर उल्लंघनों पर नियंत्रण के लिए संचार चैनलों के अधिक प्रभावी ढंग से इस्तेमाल पर सहमति जतायी.
अवैध निर्माणों, झाड़ियां साफ करने और सीमा खंभों की देखभाल पर भी सहमति बनी. अधिकारियों ने बताया कि प्रभावी सीमा प्रबंधन के लिए रक्षा निर्माणों, सीमा घटनाओं और मादक पदार्थों की तस्करी, घुसपैठ, हथियारों और जाली नोट की तस्करी, अनजाने में सीमा पार करने जैसे आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की गई. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीएसएफ प्रमुख सुभाष जोशी ने किया और इसमें चंडीगढ़, जम्मू, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली स्थित बीएसएफ मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. ये निर्णय दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों की 14 वर्ष बाद हुई बैठक के बाद किये गये.
गौरतलब है कि पाक जेल में काफी वक्त तक बंद रहे कैदी सरबजीत के परिवार वालों का दावा था कि वह नशे की हालत में गलती से 1990 में सरहद पार कर गए थे, जिसके बाद वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. लाहौर की कोट लखपत जेल में 20 वर्षों से भी ज्यादा वक्त तक बंद सरबजीत इस साल मई में कैदियों के हमले में घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी.