अमेरिका ने अपने दूतावासों में कम वेतन की खबरों का खंडन किया
वाशिंगटन : अमेरिका ने मीडिया में आई उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि भारत स्थित उसके दूतावासों में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों को कम वेतन दिया जा रहा है या वेतन के सिलसिले में किसी स्थानीय कानून का उल्लंघन किया जा रहा है. विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मेरी हार्फ ने […]
वाशिंगटन : अमेरिका ने मीडिया में आई उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि भारत स्थित उसके दूतावासों में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों को कम वेतन दिया जा रहा है या वेतन के सिलसिले में किसी स्थानीय कानून का उल्लंघन किया जा रहा है. विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मेरी हार्फ ने कल संवाददाताओं से कहा कि हमारी मानक परिपाटी दुनिया भर के देशों में अपने लिए काम करने वालों को स्थानीय कानून के साथ सामंजस्य बिठा कर वेतन अदा करने की रही है और मेरे पास यह मानने का ऐसा कोई कारण है कि यह चीज इस मामले में नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन खास खबरों पर गौर कर खुश हूं. मेरे मुताबिक कम से कम यह स्थानीय कानून और स्थानीय परिपाटी के अनुकूल है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह इससे आगे नहीं है. इसलिए मैं अपनी परिपाटी की जांच पड़ताल कर खुश हूं.’’ मेरी ने कहा, ‘‘मेरे पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि हमारे लोगों ने इस बारे में कुछ गलत किया है.’’गौरतलब है कि अपनी नौकरानी संगीता रिचर्ड की वीजा अर्जी में जालसाजी करने के आरोप को लेकर भारत की वरिष्ठ राजनयिक देवयानी खोबरागडे को 12 दिसंबर को न्यूयार्क में गिरफ्तार किए जाने के बाद भारत में अमेरिकी दूतावासों के भारतीय कर्मचारियों को अदा किए जाने वाले वेतन का मुद्दा उठा है.
नई दिल्ली में मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि भारत स्थित अमेरिकी दूतावासों में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों को उनके अमेरिकी समकक्षों की तुलना में कम वेतन दिया जा रहा है.