ऑस्ट्रेलिया में भारतीय जैसे दिखने वालों को बनाया जाता है निशाना
मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया में पिछले दिनों 20 वर्षीय एक भारतीय छात्र पर बर्बर हमला करने और उसके साथ लूट पाट करने वाले एक किशोर पर आरोप है कि वह उस गिरोह का हिस्सा था जो भारतीय जैसे दिखने वाले लोगों को निशाना बनाता है.बाल अदालत ने साईडनहम के रहने वाले एक 17 वर्षीय लड़के को […]
मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया में पिछले दिनों 20 वर्षीय एक भारतीय छात्र पर बर्बर हमला करने और उसके साथ लूट पाट करने वाले एक किशोर पर आरोप है कि वह उस गिरोह का हिस्सा था जो भारतीय जैसे दिखने वाले लोगों को निशाना बनाता है.बाल अदालत ने साईडनहम के रहने वाले एक 17 वर्षीय लड़के को जमानत देने से इंकार कर दिया. मनराजविन्दर सिंह पर हमले के बाद इस किशोर को गिरफ्तार किया गया था. सिंह एक अस्पताल में भर्ती है और अभी कोमा में है. मनराजविन्दर सिंह अपने दो दोस्तों के साथ प्रिसेंज ब्रिज के पूर्व में स्थित एक फुटपाथ के पास खड़ा था तभी उसपर हमला किया गया. घटना में उसके सिर में गंभीर चोट आयी. हमलावर अफ्रीकी जैसा दिख रहा था.
‘हेराल्ड सन’ के मुताबिक, विक्टोरिया पुलिस ने गिरोह के सदस्य की जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि उसने तब वारदात को अंजाम दिया जब वह जमानत पर था और अगर उसे रिहा किया जाता है तो वह लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकता है. अदालत से कहा गया कि 17 वर्षीय लड़का युवाओं के एक गिरोह ‘केवाईआर’ का सदस्य है जो भारतीय और कुछ लोगों को निशाना बनाता है. सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि आठ युवक उसके पीछे थे.
विक्टोरिया पुलिस के एक अधिकारी ने अदालत में कहा, ‘‘खुफिया जानकारी से पता चला है कि वह और उसका सहयोगी केवाईआर नामक गिरोह का हिस्सा है. वे कमजोर समूहों और भारतीयों को निशाना बनाते हैं.’’ इस मामले में दो अन्य किशोरों को गिरफ्तार किया गया है जबकि पांच अन्य की तलाश की जा रही है.पीड़ित के भाई यादविंदर सिंह ने कहा कि उसका भाई अब भी कोमा में है लेकिन उस पर इलाज का असर हो रहा है. उसने कहा, ‘‘वह खतरे से बाहर नहीं है लेकिन उसपर दवाओं का असर दिखाई दे रहा है.’’सिंह यहां के क्रैंबिज कॉलेज में अकाउंट का छात्र है. उसे एल्फ्रेड अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसे आईसीयू में रखा गया है. इससे पहले सिर में गंभीर चोट लगने की वजह से उसका एक ऑपरेशन किया गया था. मेलबर्न स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी भी सिंह के परिजनों के साथ संपर्क में बने हुए हैं और भारत में रह रहे उनके अभिभावकों को वीजा प्रक्रिया में सहायता कर रहे हैं.