देवयानी की सहायिका ने कहा, काम के दौरान झेलना पड़ा कष्ट

न्यूयार्क : देवयानी खोबरागड़े के भारत रवाना होने के बाद उनकी घरेलू सहायिका संगीता रिचर्ड ने आज अपनी चुप्पी तोड़ी और दावा किया कि भारतीय राजनयिक के यहां काम करने के दौरान उसे कष्ट झेलना पड़ा. साथ ही, उसने अन्य घरेलू कामगारों से कहा कि वे किसी को भी अपना ‘शोषण’ नहीं करने दें. अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2014 1:47 PM

न्यूयार्क : देवयानी खोबरागड़े के भारत रवाना होने के बाद उनकी घरेलू सहायिका संगीता रिचर्ड ने आज अपनी चुप्पी तोड़ी और दावा किया कि भारतीय राजनयिक के यहां काम करने के दौरान उसे कष्ट झेलना पड़ा. साथ ही, उसने अन्य घरेलू कामगारों से कहा कि वे किसी को भी अपना ‘शोषण’ नहीं करने दें.

अपने पहले सार्वजनिक बयान में संगीता ने कहा कि अपने परिवार की मदद के लिए उसने कुछ साल तक काम करने के इरादे से अमेरिका आने का फैसला किया था और बाद में भारत वापस लौटने की योजना बनायी थी.

खोबरागड़े के खिलाफ मामले में उनका प्रतिनिधित्व करने वाले मानव तस्करी विरोधी समूह ‘सेफ होराइजन’ द्वारा जारी बयान में संगीता ने कहा है, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि यहां चीजें इतनी खराब होगी. इतना काम करने के बावजूद मुझे न तो सोने का, न खाने का और न ही अपने लिए समय दिया जाता था.’’संगीता ने कहा है कि खोबरागड़े के यहां काम करने के दौरान अपने साथ हुए सलूक पर उन्होंने भारत वापसी की कोशिश की.

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे बर्ताव के कारण मैंने भारत जाने की इच्छा जतायी लेकिन इस अनुरोध को ठुकरा दिया गया.’’

संगीता ने कहा है, ‘‘मैंने जो भुगता उसी तरह के हालात से गुजर रही अन्य घरेलू सहायकों से कहना चाहूंगी कि आपके पास अधिकार हैं और किसी को अपना शोषण नहीं करने दीजिए.’’‘सेफ होराइजन’ ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि ‘यह इसकी गंभीरता को दिखाता है कि अमेरिकी सरकार श्रमिक शोषण के मामले को कैसे लेती है.’

संगठन के एंटी ट्रैफिकिंग प्रोग्राम की वरिष्ठ निदेशक अवलॉय लानिंग ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि यह मामला राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को एक स्पष्ट संदेश देगा कि अमेरिका कामगारों का शोषण बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके साथ ही ऐसे मामलों में मुकदमे दर्ज होने की शुरुआत हो गई है.’’

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