लार्ड पाल ने कहा,ब्रिटेन सरकार को उद्यमियों की मदद करनी चाहिए

लंदन : एनआरआई उद्योगपति लार्ड स्वराज पाल ने ब्रिटेन की सरकार को आगाह किया है कि जब तक वह उद्यमियों की मदद नहीं करती और कंपनियों को आसान रिण की सुविधा उपलब्ध नहीं कराती है, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था समस्याओं से ही जूझती रहेगी. कल हाउस आफ लार्डस में एक चर्चा के दौरान लार्ड पाल ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2014 2:18 PM

लंदन : एनआरआई उद्योगपति लार्ड स्वराज पाल ने ब्रिटेन की सरकार को आगाह किया है कि जब तक वह उद्यमियों की मदद नहीं करती और कंपनियों को आसान रिण की सुविधा उपलब्ध नहीं कराती है, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था समस्याओं से ही जूझती रहेगी. कल हाउस आफ लार्डस में एक चर्चा के दौरान लार्ड पाल ने अर्थव्यवस्था में अच्छे सुधार की सराहना की, लेकिन साथ ही चेताया कि वृद्धि दर बढाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा.कपारो ग्रुप आफ इंडस्टरीज के चेयरमैन पाल ने कहा, ‘‘विनिर्माण उद्योग में लगा होने के नाते मुझेपता है कि इस समय आर्थिक वृद्धि में सुधार दिख रहा है वह कजोर है. उदाहरण के लिए वाहन उद्योग को ही लें, हमने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जगुआर लैंड रोवर और निशान के ब्रिटेन के कारखानों की हाल में सफलता को देखा है. फिर भी ब्रिटेन में कारें बनाने वाले ज्यादातर कारखाने चुनौती में फंसे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इस क्षेत्र में जो कंपनियां अपना सामान बेच सकती हैं उन्होंने काम पर रखने के लिए दक्ष इंजीनियर खोजना मुश्किल हो रहा है, रोजमर्रा के काम के लिए पूंजी जुटाना कठिन हो रहा है..पिछले कुछ साल से कंपनियां नई क्षमता में निवेश करने में असमर्थ हैं या वे ऐसा जोखिम उठाने की इच्छा नहीं पालना चाहतीं. उनमें अब निवेश के लिए पहले से अधिक आत्म विश्वास है पर वे पूंजी और कुशल मानव संसाधन कहां से हासिल करें.’’लार्ड पाल उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में रिण की कमी का खतरा बना रह सकता है. उन्होंने ब्रिटिश बिजन बैंक की स्थापना की सरकार की पहल का स्वागत किया और उम्मीद जाहिर की कि इसके नव नियुक्त चेयरमैन सरकार द्वारा आवंटित 1.25 अरब पौंड की पूंजी का निवेश कर सकेंगे.

लेकिन उन्होंने ने इसके बहुत देर से और बहुत छोटा प्रयास बताते हुए कहा ‘मुझेलगता है कि यह ब्रिटिश बिजनेस बैंक जर्मनी के केएफडब्ल्यू के तर्ज पर स्थापित किया गया है जिसने 2013 के केवल 9 महीनों में ही जर्मनी की मिटेल्स्टांड (लघु एवं मझोली कंपनियों में) 17 अरब यूरो का निवेश किया था.’ उन्होंने समाधान के लिए सरकार, अकादमिक जगत और विनिर्माण क्षेत्र में सच्ची भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया.लार्ड पाल ने यह भी आगाह किया कि ईयू में 2017 में प्रस्तावित मतदान और स्काटलैंड में जनमत संग्रह से अनिश्चिता और गहरा रही है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेने में निवेश करने वाले प्रत्येक निवेश को, चाहे वह देशी हो विदेशी, निश्चितता चाहता है.

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