भारत के एनएसजी आवेदन पर विचार होते देखना चाहता है अमेरिका

वाशिंगटन : अमेरिका भारत के एनएसजी आवेदन पर गंभीरता से विचार होते देखना चाहता है, जबकि 48 देशों वाले समूह में प्रवेश के इसके प्रयास में कथित तौर पर चीन के विरोध के चलते अडंगा लगा है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कल अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमने भारत के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2016 10:56 AM

वाशिंगटन : अमेरिका भारत के एनएसजी आवेदन पर गंभीरता से विचार होते देखना चाहता है, जबकि 48 देशों वाले समूह में प्रवेश के इसके प्रयास में कथित तौर पर चीन के विरोध के चलते अडंगा लगा है.

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कल अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमने भारत के आवदेन पर गंभीरता से विचार होते देखने की अपनी इच्छा स्पष्ट कर दी है.’ एनएसजी सदस्य सोल में आज अपनी बैठक जारी रखेंगे जिसमें भारत के आवेदन का समर्थन कर रहे देशों के इस मुद्दे को पुन: उठाने की उम्मीद है.

किर्बी ने कहा कि अमेरिका एनएसजी में इसके 47 अन्य सदस्यों के समक्ष भारत की सदस्यता का लगातार समर्थन करता रहा है और इस मुद्दे को उठाता रहा है.

उन्होंने कहा, ‘हम उनके आवेदन पर अपना समर्थन स्पष्ट कर चुके हैं, और मुझे इस बात का कोई कारण दिखाई नहीं देता कि इस बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई. लेकिन कमरे में क्या चर्चा हुई और वे कहां पहुंचे, इस बारे में अभी मैं नहीं जानता.’

किर्बी ने कहा, ‘मैं देखूंगा कि हम आपके लिए क्या कर सकते हैं, लेकिन मैं यह नहीं जानता कि मैं आपको कितना पूर्ण उत्तर देने जा रहा हूं.” यहां रात्रिभोज के बाद तीन घंटे तक चली परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की बैठक में चीन ने ‘शत्रुतापूर्ण तरीके से’ भारत के एनएसजी सदस्यता मुद्दे पर विरोध का नेतृत्व किया. बैठक गतिरोध के साथ समाप्त हुई.

एनएसजी की कल शुरु हुई पूर्ण बैठक से पहले चीन ने बार-बार कहा था कि भारत की सदस्यता का मुद्दा एजेंडे में नहीं है और कहा जाता है कि उसने भारत के प्रयास पर किसी भी चर्चा को रोकने के लिए प्रत्येक प्रयास किया.

भारतीय आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि चीन का साथ ऑस्ट्रिया, आयरलैंड और ब्राजील जैसे देशों ने दिया जिन्होंने सवाल उठाया कि भारत जैसे देश को समूह में कैसे शामिल किया जा सकता है जिसने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं किए हैं.

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