यंगून: एक मानवाधिकार संगठन ने चश्मदीदों और स्थानीय सूत्रों के एक बड़े नेटवर्क के हवाले से कहा है कि पिछले हफ्ते पश्चिमी म्यामां के एक गांव में बौद्धों की एक भीड़ ने कम से कम 40 मुस्लिमों की जान ले ली.
सरकार ने पुरजोर तरीके से इस बात से इनकार किया है कि किसी की मौत हुई है. सरकार ने सिर्फ यह माना है कि रोहिंग्या मुस्लिम ग्रामीणों द्वारा एक पुलिस साज्रेंट पर हमला किया गया. हालांकि, जनसंहार के सबूतों में इजाफा हो रहा है.
‘फोर्टिफाई राइट्स’ के कार्यकारी निदेशक मैथ्यु स्मिथ ने उत्तरी राखिने राज्य के दू चार यार तान गांव में मानवीय सहायता के लिए काम करने वाले लोगों, स्वतंत्र पर्यवेक्षकों एवं पत्रकारों को आसानी से जाने देने की अपील सरकार से की है. 14 जनवरी की घटना के बाद यह गांव पूरी तरह खाली हो गया है और उसके बाद से सील कर दिया गया है.स्मिथ ने कहा कि कल तक परित्यक्त घरों में कुछ लाशें पड़ी हुई थीं.