बीएसए पर दस्तखत बस कुछ ही हफ्तों का मामला: व्हाइट हाउस

वाशिंगटन : अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव का प्रचार शुरु हो चुका है जबकि अमेरिका निवर्तमान हामिद करजई सरकार पर कुछ ही हफ्तों के अंदर द्विपक्षीय सुरक्षा संधि पर दस्तखत करने का दबाव बना रहा है. व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जय कार्नी ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘‘हम द्विपक्षीय सुरक्षा संधि पर फिर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2014 12:02 PM

वाशिंगटन : अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव का प्रचार शुरु हो चुका है जबकि अमेरिका निवर्तमान हामिद करजई सरकार पर कुछ ही हफ्तों के अंदर द्विपक्षीय सुरक्षा संधि पर दस्तखत करने का दबाव बना रहा है.

व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जय कार्नी ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘‘हम द्विपक्षीय सुरक्षा संधि पर फिर से बातचीत नहीं कर रहे हैं. इसपर कुछ महीनों नहीं, ज्यादा से ज्यादा कुछ हफ्तों में दस्तखत होने की जरुरत है क्योंकि आप नाटो और अमेरिकी सैन्य कमांडरों को 2014 के बाद अफगानिस्तान में अपनी उपस्थिति के बारे में कमांडरों को रोक नहीं सकते हैं.’’

दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा संधि पर पहले से ही वार्ता हो चुकी है. इसे इस साल के अंत के बाद अमेरिका और उसके सहयोगियों के सैनिकों की वहां मौजूदगी के लिए अहम माना जा रहा है क्योंकि उनकी मौजूदगी की इजाजत खत्म हो जाएगी.

द्विपक्षीय सुरक्षा संधि लोया जिरगा में पारित हो चुका है, लेकिन अफगान राष्ट्रपति ने उसपर दस्तखत करने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि चुनाव अप्रैल में होने जा रहे हैं और इसपर नए राष्ट्रपति को दस्तखत करना चाहिए.

व्हाइट हाउस ने धमकी दी है कि द्विपक्षीय सुरक्षा संधि नहीं होने पर वह अपने तमाम बल अफगानिस्तान से हटा लेगा. अनेक विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्षेत्र की शांति एवं स्थिरता के खिलाफ होगा.

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