मिलीशिया ने क्रीमियाई नौसेना के मुख्यालय पर कब्जा किया

सेवास्तोपोल : पश्चिमी देशों की सख्त चेतावनी को अनसुना करते हुए रुस ने क्रीमिया पर अपनी पकड मजबूत बनाने के प्रयास जारी रखे हैं. इसी क्रम आज रुस समर्थक बलों ने क्रीमियाई नौसेना के मुख्यालय पर कब्जा कर लिया तथा नौसैन्य कमांडर को कैद कर लिया. यूक्रेन ने कहा कि अपने रक्षा मंत्री को क्रीमिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 19, 2014 9:05 PM

सेवास्तोपोल : पश्चिमी देशों की सख्त चेतावनी को अनसुना करते हुए रुस ने क्रीमिया पर अपनी पकड मजबूत बनाने के प्रयास जारी रखे हैं. इसी क्रम आज रुस समर्थक बलों ने क्रीमियाई नौसेना के मुख्यालय पर कब्जा कर लिया तथा नौसैन्य कमांडर को कैद कर लिया. यूक्रेन ने कहा कि अपने रक्षा मंत्री को क्रीमिया भेजेगा, लेकिन क्रीमिया क्षेत्र के नेता ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि यूक्रेनी रक्षा मंत्री को क्रीमियाई सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.

यूक्रेन और क्रीमिया के संकट ने शीत युद्ध के बाद के सबसे बडे गतिरोध को जन्म दे दिया है. पश्चिमी देश और रुस आमने-सामने नजर आ रहे हैं. यूक्रेन के एक सैन्य अधिकारी ने बताया, ‘‘हमें अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित कर दिया गया है. मैं यहां पैदा हुआ है और यही पला-बढा तथा 20 वर्षों से अपनी सेवा दे रहा हूं. मैं कहां जा रहा हूं?’’ क्रीमिया को अपने क्षेत्र में मिलाए जाने के बाद आज वहां रुस समर्थक प्रदर्शनकारी यूक्रेन के नौसेना मुख्यालय में घुस आए.

रुसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने वैश्विक नाराजगी और पश्चिमी प्रतिबंधों को कल नजरअंदाज करते हुए यूक्रेन के प्रायद्वीप ‘क्रीमिया’ के रुस में विलय संबंधी संधि पर हस्ताक्षर किए थे. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद रुस की सीमा के विस्तार की इस तरह की यह पहली घटना है. कल अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी थी, ‘‘यदि रुस अपने रास्ते पर आगे बढता रहता है तो उसका राजनीतिक और आर्थिक पृथक्य बढेगा ही और अमेरिका एवं यूरोपीय संघ से उस पर और प्रतिबंध लगेंगे.’’

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