इसमें कहा गया, ‘‘भारत चीन के उद्भव को लेकर साझा चिंता के आधार पर अमेरिका एवं कई क्षेत्रीय ताकतों के साथ रक्षा साझेदारियां बेहतर करना चाहता है.” रिपोर्ट में चीन के आर्थिक एवं सैन्य उद्भव को लेकर भारत-प्रशांत देशों की चिंता की तरफ इशारा किया गया है. शांगरी-ला डॉयलॉग रक्षा मंत्रियों, सशस्त्र बलों के प्रमुखों, सैन्य रणनीतिकारों का एक वार्षिक सम्मेलन है जिसका आयोजन आईआईएसएस करता है. मौजूदा सम्मेलन दो जून से चार जून तक चलेगा.
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‘एशिया प्रशांत क्षेत्रीय सुरक्षा रिपोर्ट का खुलासा भारत का चीन के साथ है सक्रिय सीमा विवाद
सिंगापुर : भारत का चीन के साथ सक्रिय सीमा विवाद है और वह चीन की संयुक्त राष्ट्र एवं परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर अपनी आकांक्षाओं को दबाने की साफ कोशिशों से नाखुश है. यहां चल रहे वार्षिक रक्षा सम्मेलन ‘शांगरी-ला डॉयलॉग’ में जारी की गयी एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया. कल […]
सिंगापुर : भारत का चीन के साथ सक्रिय सीमा विवाद है और वह चीन की संयुक्त राष्ट्र एवं परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर अपनी आकांक्षाओं को दबाने की साफ कोशिशों से नाखुश है. यहां चल रहे वार्षिक रक्षा सम्मेलन ‘शांगरी-ला डॉयलॉग’ में जारी की गयी एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया.
कल जारी की गयी ‘एशिया प्रशांत क्षेत्रीय सुरक्षा मूल्यांकन 2017′ रिपोर्ट में कहा गया कि भारत का चीन के साथ एक सक्रिय सीमा विवाद है और भारत चीन-भारत की विवादित सीमा पर चीन के सैन्य बल वृद्धि और बुनियादी ढांचे के निर्माण को लेकर चिंतित है. अमेरिकी थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज (आईआईएसएस) द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट के अनुसार भारत साथ ही संयुक्त राष्ट्र एवं परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर अपनी आकांक्षाओं को दबाने की साफ कोशिशों को लेकर नाखुश है.
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