1975 में सत्ता पलटने की साजिश, 45 साल फरार, पकड़ा गया तो दी गई फांसी
बंग बंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या में शामिल बांग्लादेश सेना के एक पूर्व अधिकारी को शनिवार-रविवार की रात फांसी दे दी गई. उनपर 1975 में सत्ता पलटने की साजिश का भी आरोप था.
ढाका : बंग बंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या में शामिल बांग्लादेश सेना के एक पूर्व अधिकारी को शनिवार-रविवार की रात फांसी दे दी गई. उनपर 1975 में सत्ता पलटने की साजिश का भी आरोप था. हत्या के दोषी को लगभग 45 साल फरार रहने के बाद इसी मंगलवार को ढाका गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद उन्हें फांसी दे दी गयी.
Bangladesh executes Abdul Majed at a central jail in Dhaka on Saturday midnight for his involvement in the assassination of the country’s independence leader Sheikh Mujibur Rahman in 1975, reports news agency AP pic.twitter.com/qnXOeKD6YI
— ANI (@ANI) April 11, 2020
अब्दुल मजीद को आज रात स्थानीय समयानुसार 12 बजकर एक मिनट पर केरानीगंज में ढाका केन्द्रीय कारागार में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. जेलर महबूब उल इस्लाम ने कहा कि मजीद को फांसी देकर मौत की नींद सुला दिया गया.
राष्ट्रपति अब्दुल हमीद द्वारा बुधवार को दया याचिका ठुकराए जाने के बाद माजिद की मौत की सजा को चार दिनों के भीतर ही अंजाम दे दिया गया. शुक्रवार को मजीद की पत्नी और चार अन्य संबंधियों ने जेल में उससे दो घंटे मुलाकात की थी. इससे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने मंगलवार को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसे फांसी देने का रास्ता साफ हो गया था.
माजिद ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि उसने बंगबंधु रहमान की हत्या की है. माजिद, रहमान की हत्या में शामिल रहे उन दर्जनों लोगों में से एक है जिनकी फांसी की सजा को 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था. 1998 में निचली अदालत ने कुछ सैन्य अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी जो कि रहमान और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या में शामिल रहे थे.