फ्रांस से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार, सांसदों ने संसद के संयुक्त सत्र के दौरान देश में गर्भपात को महिलाओं (Abortion Constitutional Right) का संवैधानिक अधिकार बनाने संबंधी विधेयक को मंजूरी देने का काम किया है. विधेयक पर मतदान करवाया गया. इसके बाद पक्ष में 780 जबकि विरोध में केवल 72 वोट पड़े. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने विधेयक को मंजूरी मिलने पर खुशी व्यक्त की है. इस कदम की पूरे देश में सराहना की जा रही है. आपको बता दें कि संसद के दोनों सदन नेशनल असेंबली और सीनेट पहले ही फ्रांसीसी संविधान के अनुच्छेद 34 में संशोधन के लिए एक विधेयक को मंजूरी देने का काम कर चुके हैं. ऐसा इसलिए ताकि महिलाओं को गर्भपात के अधिकार की गारंटी दी जा सके.
प्रधानमंत्री गैब्रिएल अत्तल ने क्या कहा
उल्लेखनीय है कि अमेरिका और अन्य देशों की तुलना में फ्रांस में गर्भपात अधिकारों को लेकर अधिक जागरुक नजर आता है. इस बाबत एक सर्वे करवाया गया था जिसमें फ्रांस के लगभग 80 फीसदी लोगों ने गर्भपात को कानूनी अधिकार देने के फैसले पर सहमति व्यक्त की थी. फ्रांस के प्रधानमंत्री गैब्रिएल अत्तल की प्रतिक्रिया इस विधेयक पर वोटिंग से पहले आई थी. उन्होंने कहा था कि हम सभी महिलाओं को एक मैसेज भेज रहे हैं कि शरीर आपका है और इसके साथ क्या करना है, इसका फैसला कोई कैसे ले सकता है. आपको अपने अधिकार दिए जाएंगे.
जब पूरी दुनिया थी भारत के खिलाफ, तब फ्रांस ने दिया था साथ…जानें कैसे हैं दोनों देशों के बीच रिश्ते
फ्रांस की संसद है बहुत जागरुक
गौर हो कि फ्रांस की संसद में इससे पहले सजगता दिखाई थी. संविधान के अनुच्छेद 34 में संशोधन के लिए एक विधेयक को मंजूरी देने का काम किया गया था. ऐसा इसलिए ताकि महिलाओं को गर्भपात के अधिकार की गांरटी मिले. फ्रांस में 1974 के कानून के बाद से महिलाओं को गर्भपात का कानूनी अधिकार मिला हुआ है.