Adipurush Controversy: नेपाल ने लिया बड़ा एक्शन, आज के बाद काठमांडू में नहीं दिखायी जायेगी भारतीय फिल्म

आदिपुरुष को लेकर केवल भारत में ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्क नेपाल में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं. इस फिल्म की वजह से अब काठमांडू में कोई भारतीय फिल्म नहीं प्रदर्शित होगी. काठमांडू के मेयर ने अपने सोशल मीडिया पर ऐसी बात कही है.

By AmleshNandan Sinha | June 19, 2023 10:14 AM
an image

श्रीराम पर बनी फिल्म आदिपुरुष(Adipurush) पर नये विवाद लगातार खड़े हो रहे हैं. अब नेपाल ने भी इस फिल्म पर आपत्ति जतायी है और भारतीय फिल्मों को काठमांडू में बैन कर दिया है. काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने अपने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि काठमांडू महानगर क्षेत्र में कोई भी भारतीय फिल्म नहीं दिखायी जायेगी और सभी सिनेमाघरों को इस प्रतिबंध के बारे में सूचित कर दिया गया है.

आदिपुरुष फिल्म मे सीता को लेकर संवाद पर है आपत्ति

आदिपुरुष फिल्म रिलीज से एक दिन पहले मेयर ने ‘सीता भारत की बेटी है’ वाले बयान को हटाने के लिए तीन दिन का वक्त दिया था. महापौर ने तीन दिनों के भीतर संवाद संपादित नहीं करने पर सभी भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी. शुक्रवार को, आदिपुरुष काठमांडू में रिलीज नहीं हुई, जबकि रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि निर्माता संवाद को संपादित करने के लिए सहमत हो गये हैं.

Also Read: लखनऊ से लेकर आगरा तक ‘आदिपुरुष, का विरोध, RLD ने लिखा सीएम को पत्र तो हिंदू संगठनों ने दी तहरीर
काठमांडू के मेयर ने जतायी आपत्ति

काठमांडू के इस मेयर ने मांग की है कि न केवल नेपाल के लिए बल्कि भारत के लिए भी संवाद को संशोधित करने की जरूरत है. बालेन शाह ने रविवार को कहा कि काठमांडू मेट्रोपॉलिटन में सभी भारतीय फिल्मों पर तब तक प्रतिबंध रहेगा जब तक कि इस फिल्म में से ‘आपत्तिजनक’ हिस्से को हटा नहीं दिया जाता. नेपाल के फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने कहा कि “सीता को भारत की बेटी” बताने वाले संवाद को बदलने के बाद ही सिनेमाघरों में फिल्म दिखाने की अनुमति दी जायेगी.


दिया अल्टीमेटम

बालेन शाह ने लिखा कि भारतीय फिल्म ‘आदिपुरुष’ में जानकी को भारत की बेटी होने का दावा करने वाला संवाद है. यह आपत्तिजनक है और हमने इसे ठीक करने के लिए (निर्माताओं को) तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था. इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह हर सरकार का कर्तव्य है. अगर फिल्म को जस का तस दिखाया जाता है, तो ऐसा लगता है कि नेपाल की राष्ट्रीयता, सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रीय पहचान को गंभीर रूप से नुकसान होगा और अपूरणीय क्षति होगी.

Exit mobile version