Amrullah Saleh|Afghanistan Latest News| अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Afghan Vice President Amrullah Saleh) अब तालिबान के कब्जे वाले इस देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति (Caretaker President of Afghanistan) बन गये हैं. अमरुल्लाह सालेह ने खुद ट्वीट (Amrullah Saleh Tweet) करके मंगलवार को यह जानकारी दी. अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति बनते ही सालेह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Jo Biden) पर जमकर बरसे. साथ ही एलान कर दिया कि वह वियतनाम की तरह सरेंडर नहीं करेंगे. तालिबान (Taliban) के सामने घुटने नहीं टेकेंगे. लोगों से अपील की कि वे संघर्ष करें.
अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने कहा कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से बात करना बेकार है. उन्होंने कहा कि हमें यह साबित करना होगा कि हम अफगानिस्तानी, वियतनामी (Vietnam) नहीं हैं. साथ ही यह भी बता देंगे कि तालिबान किसी भी सूरत में वियतनाम कांग्रेस (वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी) नहीं है. अमेरिका (United States of America) और नाटो (NATO) की तरह हमने हार नहीं मानी है. हमारे पास कई रास्ते हैं.
Clarity: As per d constitution of Afg, in absence, escape, resignation or death of the President the FVP becomes the caretaker President. I am currently inside my country & am the legitimate care taker President. Am reaching out to all leaders to secure their support & consensus.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 17, 2021
अमरुल्लाह सालेह ने आगे कहा कि बेकार की धमकियां खत्म हो चुकीं हैं. अब प्रतिरोध करने का वक्त आ गया है. उन्होंने अफगानिस्तान की जनता से लोकतंत्र को बचाये रखने के लिए प्रतिरोध में शामिल होने का आह्वान किया है. सालेह ने प्रतिबद्धता जतायी कि वह अपने देश की जनता के साथ खड़े रहेंगे और तालिबान आतंकवादियों (Taliban Terrorists) के सामने घुटने नहीं टेकेंगे.
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अफगानिस्तान के नये कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा कि मैं अपने हीरो और कमांडर अहमद शाह मसूद की आत्मा और उनकी विरासत को दाग नहीं लगने दूंगा. अहमद शाह मसूद ने जो मार्ग मुझे दिखाया था, उससे पीछे नहीं हटूंगा. उन्होंने कहा कि मैं उन लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा, जिन्होंने मुझे सुना है. मैं तालिबान के साथ कभी नहीं जाऊंगा. कभी नहीं.
इससे पहले, अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद अमरुल्लाह सालेह ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान के संविधान में प्रावधान है कि राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में, चाहे वह भाग जायें, इस्तीफा दे दें या उनका निधन हो जाये, तो उपराष्ट्रपति केयरटेकर प्रेसिडेंट बनेंगे. इस वक्त मैं अपने देश में हूंऔर मैं कानूनी तौर पर कार्यवाहक राष्ट्रपति हूं. मैं सभी नेताओं से बात करूंगा और सर्वसम्मति बनाने की कोशिश करूंगा.
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देश छोड़ चुके हैं राष्ट्रपति अशरफ गनी
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और बातचीत परिषद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित अफगान सरकार के कई अधिकारियों से मंगलवार को भी तालिबान से बातचीत जारी रही. बातचीत की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि बातचीत इस बात पर केंद्रित है कि तालिबान के प्रभुत्व वाली सरकार कैसे गत 20 साल के बदलावों के साथ चले. राष्ट्रपति अशरफ गनी पहले ही देश छोड़ चुके हैं.
ज्ञात हो कि 20 साल बाद अफगानिस्तान में फिर तालिबान की हुकूमत है. पूरे देश में उथल-पुथल मची है. तालिबानी राज वाले अफगानिस्तान से बच निकलने के लिए हर कोई बेचैन है. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि तालिबान के फिर से सत्ता पर काबिज होने के लिए अफगानिस्तान खुद जिम्मेदार है. अफगानिस्तान की लड़ाई लड़ने के लिए अमेरिका अपनी सेना को वहां नहीं छोड़ सकता.
Posted By: Mithilesh Jha