Afghanistan Crisis : तालिबान को लेकर कई देशों का रुख नरम नजर आ रहा है. जहां तालिबान को लेकर अपने रवैये के कारण चीन घर में ही घिर गया है. वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो ब्रिटेन तालिबान के साथ काम करेगा. इस बीच खबर है कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाई हशमत गनी अहमजई कथित तौर पर तालिबान में शामिल हो गये हैं. खबरों की मानें तो उन्होंने तालिबान को समर्थन का फैसला अल्हाज खलील-उर रहमान हक्कानी के साथ हुई मीटिंग के बाद लिया है.
क्या कहा ब्रिटेन ने : ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि यदि जरूरत महसूस हुई तो ब्रिटेन तालिबान के साथ काम करेगा. जॉनसन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अफगानिस्तान के लिए समाधान खोजने के हमारे राजनीतिक और राजनयिक लगातार प्रयास में हैं. काबुल हवाई अड्डे पर स्थिति थोड़ी बेहतर हो रही है, जहां हजारों हताश अफगान देश से पलायन करते नजर आ रहे हैं. ब्रिटिश सरकार ने कहा कि उसने करीब 1615 लोगों को बाहर निकालने का काम किया है.
चीन के मन में क्या : अफगानिस्तान में तालिबान राज से चीन, पाकिस्तान की बांछें खिल गई है. जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान में चीनी राजदूत वांग यू और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुख्य ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती अब्दुल रऊफ अजहर ने गुरुवार को कंधार में तालिबान नेतृत्व से मुलाकात करने का काम किया है. यही नहीं सुन्नी पश्तून इस्लामवादियों यानी तालिबानियों को अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए बधाई दी. दोनों ने तालिबानी नेतृत्व से अलग-अलग गुपचुप बैठक की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुल्ला बरादार और मुल्ला उमर के बेटे व तालिबान के उप नेता मुल्ला याकूब दोनों कंधार में हैं. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में मुल्ला बिरादर को तालिबान की ओर से प्रबल दावेदार बताया जा रहा है.
चीनी लोगों की तीखी प्रतिक्रिया : चीन की मीडिया और कूटनीतिज्ञों द्वारा तालिबान की अच्छी छवि पेश करने की कोशिश भारी पड़ गयी है. महिलाओं और बच्चों की बिगड़ती स्थिति को लेकर चीनी लोग सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. लंबे समय तक तालिबान को इस्लामिक आंदोलन से जोड़कर देखने वाला बीजिंग तालिबान को शिनजियांग में हुए आतंकी हमले की मुख्य वजह मानता है. हाल के दिनों में चीन में दो बड़े लोगों पर रेप के आरोप लगे हैं. अफगानिस्तान की महिला फिल्ममेकर सहारा करीमी की अपील के बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
चीन द्वारा अमेरिका की अफगानिस्तान में लोकतंत्र स्थापित करने की विफलता पर भी बार-बार बात की जा रही है और कहा जा रहा है कि यहां लोकतंत्र का कोई निश्चित ढांचा नहीं है. चीन के मुखपत्र ’द पीपल्स डेली’ ने एक 60 सेकंड का वीडियो पोस्ट किया है जिसमें तालिबान के आतंकवाद से संबंध पर बात नहीं की गयी. यह वीडियो चीन के सोशल मीडिया पर जब चर्चा का केंद्र बन गया, तो इसे डिलीट कर दिया गया. इसी तरह सीसीटीवी4 चैनल भी लोगों की गलत स्थिति बयां कर रहा है.
अफगानिस्तान में आतंकवाद निरोधी मिशन पर अमेरिका की पैनी नजर बनी रहेगी : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में आतंकवाद निरोधी अभियान पर पैनी नजर बनाकर रखेगा. उन्होंने तालिबान को चेतावनी दी कि काबुल हवाईअड्डे पर उसके अभियानों में कोई गड़बड़ी की गई या अमेरिकी बलों पर हमला हुआ तो उसे इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा.
Posted By : Amitabh Kumar