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Afghanistan Crisis : 1990 के दशक और आज के अंतर को स्पष्ट करते हुए तालिबान ने बताया, अब कैसा होगा अफगानिस्तान

Afghanistan Crisis अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान का कब्जा हो गया है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने करीबियों के साथ देश छोड़कर भाग चुके हैं. अफगानिस्तान में कब्जा के बाद तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि अफगान में महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2021 9:57 PM

Afghanistan Crisis अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान का कब्जा हो गया है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने करीबियों के साथ देश छोड़कर भाग चुके हैं. अफगानिस्तान में कब्जा के बाद तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि अफगान में महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा.

तालिबान ने बताया, अब कैसा होगा अफगानिस्तान

1990 के दशक और आज के तालिबान के अंदर बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद (Taliban Spokesperson Zabihullah Mujahid) ने कहा कि विचारधारा और विश्वास समान हैं, क्योंकि वे मुसलमान हैं. लेकिन, अनुभव के संदर्भ में एक बदलाव है. वे अधिक अनुभवी हैं और उनके पास एक अलग दृष्टिकोण है. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम एक ऐसी सरकार स्थापित करना चाहते हैं, जिसमें सभी पक्ष शामिल हों.

अफगानिस्तान से किसी को कोई खतरा नहीं

तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि इस्लामिक अमीरात दुनिया के तमाम देशों से वादा करता है कि अफगानिस्तान से किसी देश को कोई खतरा नहीं होगा. जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान अब आजाद हो गया है और समूह कोई बदला नहीं लेना चाहता है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हर किसी को माफ कर दिया गया है. साथ ही राजनीतिक वार्ताओं का सिलसिला जारी है.

अफगान के पूर्व उपराष्ट्रपति का दावा

अफगानिस्तान में आधिकारिक तौर पर भले ही अभी तक कोई सरकार न हो, लेकिन अफगान के पहले और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने दावा किया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी की गैरमौजूदगी में वे देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं. इसके पीछे संवैधानिक हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक अगर राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन की दिशा में पूर्व उपराष्ट्रपति, कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है. मैं फिलहाल अपने देश के अंदर हूं इसलिए कार्यवाहक राष्ट्रपति हूं. मैं सभी नेताओं से समर्थन और आम सहमति लेने की कोशिशों में जुटा हूं.

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