तालिबान को समर्थन देने के लिए चीन ने अमेरिका को दी सलाह, कहा अफगानिस्तान में नयी सरकार बनाने में करें मदद
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटीनी ब्लिंकन से फोन पर बात की और उनसे कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति में बड़ा परिवर्तन हुआ इसलिए हमें उनका मार्गदर्शन करना चाहिए.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही चीन उसके साथ खड़ा है और उसे अपना समर्थन दे रहा है. अब चीन ने तालिबान को समर्थन दिलाने के लिए वैश्विक स्तर पर भी प्रयास तेज कर दिये हैं और उसने अमेरिका को सलाह दी है कि तालिबान के साथ संपर्क बनाया जाना चाहिए.
पीटीआई न्यूज एजेंसी के अनुसार चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटीनी ब्लिंकन से फोन पर बात की और उनसे कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति में बड़ा परिवर्तन हुआ इसलिए हमें उनका मार्गदर्शन करना चाहिए.
अफगानिस्तान को मानवीय सहायता की जरूरत
चीन ने अमेरिका से कहा है कि अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के बाद वहां एक बार फिर आतंकवादी संगठनों का हौसला बुलंद हो जायेगा, इसलिए यह जरूरी है कि अमेरिका उनका मार्गदर्शन करे. चीनी विदेश मंत्री वांग ने कहा कि अमेरिका को अविलंब अफगानिस्तान में जरूरी आर्थिक और मानवीय सहायता प्रदान करनी चाहिए. इसके लिए पूरे विश्व को आगे आकर अफगानिस्तान की मदद करनी चाहिए.
अफगानिस्तान को नये राजनीतिक ढांचे की स्थापना में मदद की जरूरत
चीन ने अमेरिका से कहा कि उसे अफगानिस्तान के नये राजनीतिक ढांचे की स्थापना और उसके संचालन में मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिका और नाटो सैनिकों की जल्दबाजी में वापसी से अफगानिस्तान में विभिन्न आतंकवादी समूहों को फिर से संगठित होने का मौका मिल सकता है. चीन ने अमेरिका से कहा है कि उन्हें आतंकवाद से लड़ने की बजाय अफगानिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए.
तालिबान के जरिये अपना हित साधना चाह रहा है चीन
तालिबान को समर्थन देकर चीन अपना हित साधना चाह रहा है. उसकी नजर अफगानिस्तान के खनिज संपदा और बीआरआई प्रोजेक्ट पर टिकी है. बीआरआई प्रोजेक्ट के जरिये चीन सड़क के रास्ते यूरोप तक अपने ट्रेड का विस्तार करना चाहता है. यही वजह है कि चीन ने शुरुआत से ही तालिबान को अपना समर्थन दे दिया है और कहा है कि वे उनके साथ दोस्ताना संबंध चाहते हैं.
Posted By : Rajneesh Anand