अफगानिस्तान में तालिबान विद्रोहियों का बड़ा हमला, सेना के 20 जवान शहीद
अफगानिस्तान के निम्रोज प्रांत के खाशारोड जिले में उनकी चौकी पर तालिबानी हमले में कम से कम 20 सेना के जवान मारे गए. इसकी जानकारी खशारोड के जिला गवर्नर जलील अहमद वतांदोस्त ने दी है. बता दे कि तालिबान विद्रोहियों से संघर्ष विराम और हिंसा में कमी के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अफगान लोगों की अपील के बावजूद देश के विभिन्न क्षेत्रों में वो अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं.
अफगानिस्तान के निम्रोज प्रांत के खाशारोड जिले में उनकी चौकी पर तालिबानी हमले में कम से कम 20 सेना के जवान मारे गए. इसकी जानकारी खशारोड के जिला गवर्नर जलील अहमद वतांदोस्त ने दी है. बता दे कि तालिबान विद्रोहियों से संघर्ष विराम और हिंसा में कमी के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अफगान लोगों की अपील के बावजूद देश के विभिन्न क्षेत्रों में वो अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं.
गुरुवार को, अफगान रक्षा मंत्रालय (MoD) ने कहा कि समूह के लड़ाकों ने पिछले 24 घंटों में 24 प्रांतों में अपने हमलों का विस्तार किया, जिनमें ताखर, हेलमंद, उरुजगन, कुंडुज, बागलान, लगमन, पक्तिया, पक्तिका, गजनी, लोगर, लोगर शामिल हैं. इसके अलावा मैदान वर्दक, कंधार, ज़ाबुल, हेरात, फराह, बादगी, फ़ारिब, सर-ए-पुल और बदख्शां प्रांत को भी निशाना बनाया गया. रक्षा मंत्रालय के एक उप प्रवक्ता फवाद अमन ने कहा, “अफगान सुरक्षा और रक्षा बलों द्वारा भी पलटवार किया गया इसके कारण बड़ी संख्या में तालिबानी भी हताहत हुए हैं.
यहां पर हेलमंद का दक्षिणी प्रांत उन अस्थिर क्षेत्रों में से एक है जहां हाल ही में हो रहे हिंसक घटनाओं के कारण हजारों लोग बेघर हो गये हैं. तीन सप्ताह पहले ही तालिबान ने प्रांतीय राजधानी लश्करगाह शहर पर एक बड़ा हमला किया था. जहां अभी तक कई लोगों के शव तक बरामद नहीं हुए हैं. जबकि एक सप्ताह पहले ग्रेश में लड़ाई के परिणामस्वरूप 17 सैनिकों की मौत हो गई थी.
बदख्शान पीपुल्स काउंसिल के प्रमुख समीउल्लाह ने कहा, “तालिबान घुसपैठ करने और चेकपॉइंट पर बमबारी करने में 17 लोग मारे गये थे. वहीं उरुजगान प्रांत में, अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच डेहरॉड जिले में भयंकर लड़ाई की खबरें हैं. कई परिवारों ने अपने घरों को छोड़ दिया है और सड़कों पर रह रहे हैं.
अफगान के न्यूज वेबसाइट तोलो न्यूज के मुताबिक वहां की संसद के पूर्व सदस्य अब्दुल अजीज अजीज ने कहा, “हमारे क्षेत्र में युद्ध छिड़ने के बाद हमें बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान हुआ. वहीं एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि “हम एक गंभीर स्थिति में रह रहे हैं, हम सड़कों पर टेंट के नीचे रहते हैं, हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी आवाज सुनेगी.
Posted By: Pawan Singh