Loading election data...

मैं तालिबान का इंतजार कर रही हूं, वे आयें और हमारी हत्या कर दें, अफगानिस्तान की सबसे युवा मेयर का बयान

27 वर्षीय जरीफा गफारी का जो अफगानिस्तान के मैदान वरदाक प्रांत की मेयर हैं. वे 2018 में सबसे कम उम्र की पहली महिला मेयर बनीं थीं. तालिबान ने ऐसी महिला राजनेताओं को मारने की कसम खायी है जो स्वतंत्र हैं और तालिबान का विरोध करती हैं. गफारी के पिता अब्दुल वासी गफारी की हत्या पिछले साल कर दी गयी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2021 4:23 PM
an image

मैं यहां उनलोगों के लिए बैठी हूं. यहां कोई नहीं है जो मेरी या मेरे परिवार की मदद करे. मैं यहां उनके लिए अपने पति के साथ बैठी हूं. वे हमारे जैसे लोगों के पास आयें और हमारी हत्या कर दें. मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ सकती हूं, आखिर हम कहां जायें?

यह कहना है 27 वर्षीय जरीफा गफारी का जो अफगानिस्तान के मैदान वरदाक प्रांत की मेयर हैं. वे 2018 में सबसे कम उम्र की पहली महिला मेयर बनीं थीं. तालिबान ने ऐसी महिला राजनेताओं को मारने की कसम खायी है जो स्वतंत्र हैं और तालिबान का विरोध करती हैं. गफारी के पिता अब्दुल वासी गफारी की हत्या पिछले साल कर दी गयी थी.

तीन सप्ताह पहले inews.co.uk से बातचीत में ज़रीफा गफारी ने कहा था कि मुझे उम्मीद थी कि हमारा और हमारे देश का भविष्य बेहतर होगा. लेकिन तालिबान के कब्जे के बाद ऐसे सभी लोगों के सपने धूल में मिल गये हैं और उनके देश का भविष्य भी अधर में लटक गया है.

अफगानिस्तान पर तालिबान के हमले के बाद वहां के आम लोग खौफ में हैं. देश छोड़कर भागने की होड़ लगी हुई है. वहीं महिलाएं बहुत ही ज्यादा दहशत में हैं. तालिबान का कट्टर चेहरा महिलाओं को परेशान कर रहा है.

अफगानिस्तान की फिल्मकार सहारा करीमी ने भी फेसबुक पर भावुक पोस्ट किया है और अफगानी महिलाओं की मदद के लिए गुहार लगायी है. वे विश्व समुदाय से अपील कर रही हैं कि जब अफगानिस्तान पर आफत टूट पड़ा है तो क्यों सभी देश चुप हैं.

सहारा करीमी ने लिखा है तालिबान ने पिछले कुछ हफ्तों में कई प्रांतों पर कब्जा कर लिया है. उन्होंने हमारे लोगों का नरसंहार किया, कई बच्चों का अपहरण किया. कई लड़कियों को चाइल्ड ब्राइड के रूप में अपने आदमियों को बेच दिया. उन्होंने एक महिला की हत्या उसकी पोशाक के लिए की. उन्होंने हमारे पसंदीदा हास्य कलाकारों में से एक को प्रताड़ित किया और मार डाला, उन्होंने एक ऐतिहासिक कवि को मार डाला.

उन्होंने सरकार के कल्चर और मीडिया हेड को मार डाला. उन्होंने सरकार से जुड़े लोगों को मार डाला. उन्होंने कुछ आदमियों को सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका दिया. उन्होंने लाखों परिवारों को विस्थापित कर दिया. इन प्रांतों से भागने के बाद, परिवार काबुल में शिविरों में हैं, जहां वे बदहाली की स्थिति में हैं. वहां इन शिविरों में लूटपाट हो रही है. दूध के अभाव में बच्चों की मौत हो रही है. यह एक मानवीय संकट है. फिर भी दुनिया खामोश है.

Also Read: Afghanistan /Taliban Updates : ‘हम महिलाओं को शिकार नहीं बनाना चाहते’, तालिबान ने की यह खास अपील

Posted By : Rajneesh Anand

Exit mobile version