Afghanistan Taliban Crisis तालिबान ने एक हफ्ते से भी कम समय में अफगानिस्तान के करीब एक दर्जन प्रमुख शहरों पर अपना कब्जा जमा लिया है. काबुल में तालिबान के कब्जा करने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ दिया है. इन सबके बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर अजीबोगरीब बयान दिया है.
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) ने अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति बताया है. इमरान खान ने शिक्षा के माध्यम के रूप में अंग्रेजी और संस्कृति पर प्रभाव के मसले पर बात करते हुए कहा कि आप दूसरों की संस्कृति को ग्रहण करते हैं और मनोवैज्ञानिक रूप से उसी के अधीन होते जाते है. जब ऐसा होता है तो यह वास्तविक गुलामी से भी बदतर है. सांस्कृतिक दासता की जंजीर को निकाल फेंकना कठिन होता है. अफगानिस्तान में जो कुछ फिलहाल हो रहा हैं, उन्होंने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ दिया है.
वहीं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में सोमवार को पाकिस्तान की सुरक्षा समिति की बैठक होगी. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में विचार विमर्श के बाद पाकिस्तान मौजूदा स्थिति पर अपना रुख पेश करेगा. बैठक में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और विदेश मंत्री कुरैशी सहित वरिष्ठ राजनीतिक और सैन्य नेता शामिल होंगे.
बता दें कि तालिबान ने रविवार को राजधानी काबुल पर कब्जे के साथ ही पूरे अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में कर लिया है. अफगानिस्तान में लगभग दो दशकों में सुरक्षा बलों को तैयार करने के लिए अमेरिका और नाटो द्वारा अरबों डॉलर खर्च किए जाने के बावजूद तालिबान ने आश्चर्यजनक रूप से काफी कम समय में लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है. जिसको लेकर कट्टरपंथियों की वापसी को लेकर वे चिंताएं फिर बढ़ गई हैं. इधर, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और देश में मचे हाहाकार के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं. दुनिया भर के नेताओं से लेकर उनके अपने ही देश में अब निशाना साध रहे है.
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