अमरुल्ला सालेह की तालिबान को चेतावनी, कहा- लड़ने को सेना तैयार, एक इंच भी नहीं देंगे जमीन

पंजशीर के लोग तालिबान के सामने घुटने टेकने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने ये भी कहा की यहां के लोग जंग नहीं चाहते, लेकिन जरूरत पड़ी तो इसके लिए वो तैयार हैं. अगर तालिबान युद्ध चाहता है तो लड़ीई होगी, और अगर वो शांति की बात करेगा से शांति स्थापित होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2021 12:06 PM
an image

Afghanistan Crisis, Taliban: अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि अगर तालिबान युद्ध चाहता है तो लड़ीई होगी, और अगर वो शांति की बात करेगा से शांति स्थापित होगी. सालेह ने कहा कि, पंजशीर के लोग तालिबान के सामने घुटने टेकने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने ये भी कहा की यहां के लोग जंग नहीं चाहते, लेकिन जरूरत पड़ी तो इसके लिए वो तैयार हैं.

लड़ाई के लिए भी हम तैयार: इंडिया टुडे की खास बातचीत में सालेह ने कहा कि, हम हर तरह की बातचीत के लिए तैयार हैं. लेकिन अगर तालिबान लड़ाई चाहेगा तो हम भी पूरी तरह तैयार हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि हम अपने इलाके में शांति चाहते हैं. वहीं, अमरुल्ला सालेह ने तालिबान के उस दावे को खोखला बताया है जिसमें उसने दावा किया था कि, पंजशीर के कुछ हिस्से पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है.

झूठे हैं तालिबान के दावे: सालेह का कहना है कि ये बात बेबुनियाद है. इस तरह के सभी दावे झूठे हैं. उन्होंने कहा कि, पंजशीर का पूरा इलाका अभी भी हमाले नियंत्रण में है. पंजशीर के कुछ हिस्से को अपने कब्जे में लेने वाला तालिबान का बयान को उन्होंने सरासर गलत करार दिया है. उन्होंने कहा कि पंजशीर के लोगों का जोश पूरी तरह से कायम है. पंजशीर के लोग तालिबान के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं हैं.

सालेह को तालिबान ने किया माफ: इससे एक दिन पहले, तालिबान ने अफगानिस्तान के अपदस्थ राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह को लेकर बड़ा बयान देते हुए उन्हें माफ करने की बात कही थी. तालिबान ने ये भी कहा था कि, अगर दोनों चाहें तो अफगानिस्तान वापस लौट सकते हैं. तालिबान के वरिष्ठ नेता खलील उर रहमान हक्कानी ने कहा था कि, वे अशरफ गनी, अमरुल्ला सालेह और हमदुल्ला मोहिब को माफ करते हैं.

अधर में अफगानिस्तान: जिस तरह से अफगान सरकार का पतन हुआ और तालिबान सत्ता पर दोबारा काबिज हो गया, वह हैरान करनेवाला घटनाक्रम रहा. काबुल के निकट बगराम एयरबेस से अमेरिकी फौजों की वापसी के मात्र छह हफ्तों के भीतर ही तालिबान ने बिना किसी तीव्र प्रतिरोध के काबुल पर नियंत्रण स्थापित कर लिया. अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी समेत राजनीतिक नेतृत्व देश से पलायन कर गया.

Posted by: Pritish Sahay

Exit mobile version