अफगानिस्तान ( Afghanistan) में राज जमा चुके तालिबान को जोरदार झटका लगा है. दरअसल अफगानिस्तान के पड़ोसी देश तजाकिस्तान (Tajikistan) ने पाकिस्तान (Pakistan) के सामने ही अफगानिस्तान में सरकार के रूप में तालिबान को मान्यता देने से इनकार कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान की तारीफदारी कर रहे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से तजाकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन ने साफ शब्दों में कह दिया है कि उनका देश तालिबान को अफगानिस्तान की वैध सरकार के रूप में मान्यता नहीं देगा. यहां चर्चा कर दें कि तजाकिस्तान और रूस के संबंध बहुत ही अच्छे हैं. यही वजह है कि तजाकिस्तान के इस फैसले से सभी आश्चर्य में पड़ गये हैं. अब तक तालिबान के प्रति रूस का उदार चेहरा नजर आया है.
तालिबान से बातचीत के लिए तैयार जर्मनी की चांसलर : जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा है कि जर्मनी तालिबान के साथ बात करने के लिए तैयार है, ताकि 20 वर्षों में जो हासिल हुआ है, उसकी हिफाजत की जा सके. हालांकि, उन्होंने कहा है कि वह तालिबान के साथ किसी तरह के बिना शर्त समझौते के लिए तैयार नहीं होंगे. मर्केल ने कहा कि वह सेना और लोगों को बाहर निकालना जारी रखेंगी.
पंजशीर घाटी में युद्ध से पाकिस्तान हुआ बेचैन : पंजशीर में तालिबान और नॉर्दन अलायंस के लड़ाकों के बीच युद्ध को लेकर पाकिस्तान घबराया हुआ है. पाकिस्तान के पीएम ने अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को पड़ोसी देशों से तालिबान के पक्ष में माहौल बनाने की जिम्मेदारी दी है. कुरैशी ने बुधवार को तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान व ताजिकिस्तान से बात की. हालांकि, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति ने कुरैशी से कहा कि अफगानिस्तान में ताजिक मूल के 46% लोग हैं. वह ऐसी सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे, जिसमें सबका प्रतिनिधित्व नहीं हो.
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तालिबान ने देश से डॉलर ले जाने पर लगायी रोक : तालिबान ने अमेरिकी डॉलर और अफगान कलाकृतियों को अफगानिस्तान से बाहर ले जाने पर रोक लगा दी है. तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी डॉलर और अफगान कलाकृतियों के साथ पकड़े जाने वाले व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. अगर ऐसा कोई भी सामान मिला, तो उसे जब्त कर लिया जायेगा. तालिबान का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विदेशों से वित्तीय मदद के दरवाजे उसके लिए बंद होते जा रहे हैं. अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास लगभग नौ बिलियन अमेरिकी डॉलर हैं. इस राशि का अधिकतर हिस्सा अमेरिका में है. अमेरिका ने इस पर बैन लगा दिया है. वहीं, वर्ल्ड बैंक और आइएमएफ ने भी अफगानिस्तान को सहायता और कर्ज देना निलंबित कर दिया हैं.
Privileged to meet President #EmomaliRahmon and to convey PM @ImranKhanPTI’s best wishes. Also shared with President Rahmon Pakistan’s perspective on #Afghanistan & our focus on a coordinated approach to realise shared objectives of a peaceful and connected region. 🇵🇰 🤝 🇹🇯 pic.twitter.com/y66E53208v
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) August 25, 2021
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Posted By : Amitabh Kumar