Afghanistan: शांति की उम्मीद बेमानी! तालिबानी आतंकियों की हवाई फायरिंग में 17 की मौत ,बच्चों को भी नहीं छोड़ा

Afghanistan : असवाका न्यूज एजेंसी की मानें तो तालिबान की इस फायरिंग के दौरान बच्चों की भी मौत हुई है जबकि कुछ लोग घायल भी हुए हैं. इधर तालिबान का दावा कर रहा है कि उसने पंजशीर प्रांत को अपने कब्जे में ले लिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2021 6:47 PM
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अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद कई लोग इसकी तारीफ कर रहे हैं लेकिन उनकी हरकते बता रहीं हैं कि देश में आतंक का दौर खत्म नहीं हुआ है. अफगानिस्तान में मौजूद लोग अपनी जान बचाने के लिए अफगानिस्तान छोड़ने का प्रयास अभी भी कर रहे हैं. इस बीच यहां से एक बुरी खबर बीती रात आई. दरअसल पंजशीर प्रांत पर कब्जा के दावे के बाद तालिबानी आतंकी हवाई फायरिंग कर जश्न मना रहे थे जिसमें 17 लोगों की जान चली गई. जबकि 41 लोग घायल हो गये.

असवाका न्यूज एजेंसी की मानें तो तालिबान की इस फायरिंग के दौरान बच्चों की भी मौत हुई है जबकि कुछ लोग घायल भी हुए हैं. इधर तालिबान का दावा कर रहा है कि उसने पंजशीर प्रांत को अपने कब्जे में ले लिया है, वहीं रेजिस्टेंस फोर्सेज (विद्रोही गुटों) ने इस दावे को खारिज करने का काम किया है. साथ ही यह भी दावा किया है कि उन्होंने तालिबान को करारा जवाब दिया है.

घायल इलाज के लिए पहुंच रहे हैं अस्पताल : रिपोर्ट के अनुसार तालिबान की इस फायरिंग में जहां कई लोगों की जान गई है वहीं कुछ लोग घायल भी हुए हैं. घायलों करे इलाज के लिए अस्पताल लेकर लोग पहुंच रहे हैं. अस्पतालों में ऑपरेशन थियेटर भरे दिख रहे हैं. यहां का मंजर दर्दनाक है. लोगों का अस्पताल में जैसे तैसे इलाज किया जा रहा है. मीडिया में ऐसी रिपोर्ट भी चल रही है कि ऑपरेशन रूम में जगह ना होने की वजह से शख्स का इमरजेंसी रूम में ही ऑपरेशन कर दिया गया.

अफगानिस्तान में चीन का खेल शुरू : चीन ने तालिबान से अपने संबंधों को मजबूती देना शुरू कर दिया है. चीन ने जो दो बड़े वादे किये हैं, उसका खुलासा तालिबान के प्रवक्ता ने किया है. प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि चीन ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास को खुला रखने और मदद के लिए खजाना खोलने का वादा किया है. तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ट्वीट कर बताया कि कतर के दोहा में इस्लामिक समूह के राजनीतिक दफ्तर के सदस्य अब्दुल सालम हनाफी की चीन के उप-विदेश मंत्री वू जियांगहाओ से फोन पर बात हुई है. चीन क्षेत्र के विकास और सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकता है.

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रूस बोला- हम चाहते हैं शांत-लोकतांत्रिक अफगानिस्तान : उधर, भारत के लिए रूस के राजदूत निकोलाइ कुदाशेव ने कहा है कि शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान के लिए रूस पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं भारत ये भावनाएं साझा कर सकता है. ये भावनाएं हमारे द्विपक्षीय सहयोग और समूहों में साफ दिखती है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी तालिबान और अफगानिस्तान को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि अफगािनस्तान मुद्दे पर पूरे िवश्व काे एकसाथ आना चािहए और आगे की रणनीित तय की जानी चािहए. दुिनया की बेहतरी के िलए यह जरूरी है.

आइएसआइ की मदद से कट्टरता का पाठ पढ़ायेगा तालिबान : अफगानिस्तान में लोगों की सुरक्षा को लेकर अमेरिका के रिपब्लिकन सांसद चिंतित हैं. सभी रिपब्लिकन सांसदों ने एक सुर में अपनी चिंता जताते हुए कहा है कि अफगानिस्तान में आतंकी हमले और बढ़ सकते हैं और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की मदद से तालिबान कट्टरता का पाठ व्यापक तरीके से पढ़ा और फैला सकता है. इस मुद्दे पर रिपब्लिकन सांसद लिज चिनी ने एक संशोधन प्रस्ताव रखा था, जिसका आधार रक्षा मंत्री की रिपोर्ट थी. इन सांसदों का कहना है कि सरकार की तरफ से सदन में रखी गयी रिपोर्ट बेहद अहम है. वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन चिंता जता चुके हैं कि कहीं आतंकी पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर नियंत्रण न पा लें.

Posted By : Amitabh Kumar

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