साहित्य के नोबेल के बाद बुकर पुरस्कार भी अफ्रीकी लेखक को, डेमन गैलगट ने ‘द प्रॉमिस’ के लिए जीता बुकर अवॉर्ड

Booker Prize 2021: डेमन गैलगट पुरस्कार के दावेदारों की अंतिम सूची में तीसरी बार पहुंचे थे. 2003 में ‘द गुड डॉक्टर’ और 2010 में ‘इन एक स्ट्रेंज रूम’ के लिए दावेदारों की अंतिम सूची में पहुंचे थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2021 1:53 PM
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लंदन: ‘द प्रॉमिस’ (The Promise) उपन्यास के दक्षिण अफ्रीकी लेखक डेमन गैलगट (Damon Galgut) को प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार (Booker Prize 2021) से नवाजा गया है. डेमन गैलगट का यह उपन्यास दक्षिण अफ्रीका के नस्लवादी इतिहास के बीच एक श्वेत परिवार की कहानी पर आधारित है. गैलगट 50,000 पाउंड (69,000 डॉलर) की इनामी राशि वाले इस पुरस्कार के प्रबल दावेदार थे.

‘द प्रॉमिस’ एक संकटग्रस्त दक्षिणी अफ्रीकी श्वेत परिवार और एक अश्वेत कर्मी से किए गए उसके वादे की कहानी पर आधारित है. गैलगट (Damon Galgut) इस पुरस्कार के दावेदारों की अंतिम सूची में तीसरी बार पहुंचे थे. इससे पहले उन्हें 2003 में ‘द गुड डॉक्टर’ (The Good Doctor) और 2010 में ‘इन एक स्ट्रेंज रूम’ (In a Strange Room) के लिए दावेदारों की अंतिम सूची में स्थान मिला था, लेकिन दोनों बार वह पुरस्कार जीत नहीं पाए थे.

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इस बार डेमन गैलगट (Damon Galgut) इस पुरस्कार के सबसे प्रबल दावेदार थे. इसके बावजूद उन्होंने कहा कि वह पुरस्कार पाकर ‘हैरान’ हैं. ‘द प्रॉमिस’ के लेखक गैलगट ने कहा कि मैं सभी कही गयी और अनकही कहानियों की ओर से, उन सभी लेखकों की ओर से, जिन्हें सुना गया है और नहीं सुना गया है, जिस शानदार महाद्वीप का मैं हिस्सा हूं, उसकी ओर से यह पुरस्कार स्वीकार करता हूं.

अफ्रीका के अब्दुल रज्जाक ने जीता है साहित्य का नोबेल

उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि इस साल साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अब्दुल रज्जाक गुरनाह भी अफ्रीकी हैं. निर्णायक मंडल की अध्यक्ष इतिहासकार माया जैसनॉफ ने कहा कि ‘द प्रॉमिस’ गहराई से, सशक्त तरीके से और स्पष्ट रूप से अपनी कहानी पेश करने वाली पुस्तक है, जो ‘एक असाधारण कहानी एवं समृद्ध विषय वस्तु (दक्षिण अफ्रीका के पिछले 40 वर्ष के इतिहास) को एक अविश्वसनीय ढंग से साथ बुनती है.’

तीसरे दक्षिण अफ्रीकी बुकर विजेता बने गैलगट

गैलगट बुकर पुरस्कार जीतने वाले तीसरे दक्षिण अफ्रीकी उपन्यासकार हैं. इससे पहले वर्ष 1974 में नादिन गॉर्डिमर और वर्ष 1983 एवं वर्ष 1999 में जेएम कोएत्जी को यह पुरस्कार दिया जा चुका है. ‘द प्रॉमिस’ ने अमेरिकी लेखकों रिचर्ड पावर के ‘बीविल्डरमेंट’, पैट्रीसिया लॉकवुड के ‘नो वन इज टॉकिंग अबाउट दिस’ एवं मैगी शिपस्टीड के ‘ग्रेट सर्कल’, श्रीलंकाई लेखकर अनुक अरुदप्रगसम के ‘ए पैसेज नॉर्थ’ तथा ब्रितानी/सोमाली लेखिका नादिफा मोहम्मद के ‘द फार्च्यून मैन’ को पछाड़कर यह पुरस्कार अपने नाम किया.

Posted By: Mithilesh Jha

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