प्रदूषण से बढ़ सकता है अवसाद का खतरा, रिसर्च में किया गया दावा

Air Pollution|Depression|दुनिया के 40 से ज्यादा देशों से प्राप्त वायु प्रदूषण संबंधी वैज्ञानिक आंकड़ों, न्यूरोइमेजिंग, मस्तिष्क संबंधी जीन के विवरण और अन्य आंकड़ों का संयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2021 9:44 PM

वाशिंगटन: प्रदूषण से अवसाद का खतरा बढ़ सकता है. एक रिसर्च में यह दावा किया गया है. अमेरिका में हुए अपनी तरह के पहले अनुसंधान में पता चला है कि वायु प्रदूषण के कारण उन स्वस्थ लोगों के डिप्रेशन का शिकार होने की प्रबल आशंका होती है, जिनके जीन के कारण उनमें इस विकार से पीड़ित होने का खतरा पहले से होता है.

‘पीएनएएस’ नामक पत्रिका में प्रकाशित एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के 40 से ज्यादा देशों से प्राप्त वायु प्रदूषण संबंधी वैज्ञानिक आंकड़ों, न्यूरोइमेजिंग, मस्तिष्क संबंधी जीन के विवरण और अन्य आंकड़ों का संयोजन किया गया.

अमेरिका के ‘लिबर इंस्टीट्यूट फॉर ब्रेन डेवलपमेंट’ (एलआईबीडी) के हाओ यांग टान ने बताया कि इस अध्ययन का प्रमुख बिंदु यह है कि वायु प्रदूषण से मस्तिष्क की संज्ञान लेने और भावनात्मक क्षमता पर असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण से अवसाद के कारक माने जाने वाले जीन में परिवर्तन हो सकता है.

Also Read: दिल्ली में वायु प्रदूषण का असर: 50 फीसदी किशोरों को फेफड़े की बीमारी, 29 फीसदी को दमा

हाओ ने कहा कि ऐसा अध्ययन पहले कभी नहीं किया गया. चीन के पेकिंग विश्वविद्यालय के सहयोग से हुए अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले हाओ ने कहा, ‘अधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के अवसाद से ग्रस्त होने का खतरा अधिक होता है, क्योंकि उनके जीन और पर्यावरण में मौजूद प्रदूषण इस खतरे का स्तर बढ़ा सकते हैं.’

Posted By: Mithilesh Jha

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Next Article

Exit mobile version