यूएनएससी में भारत की दो टूक : अफगानिस्तानी सरजमीं का आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता इस्तेमाल
भारत ने पहले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान की सरजमीं से पाकिस्तानी और तालिबानी समेत दूसरे आतंकवादी संगठनों की ओर से संचालित की जा रही आतंकी गतिविधियों को लेकर पाकिस्तान को खरी-खरी सुना दी है.
संयुक्त राष्ट्र : आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में दो टूक कहा है कि अफगानिस्तान की धरती का आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान पर रिजॉल्यूशन 2593 को हमारी अध्यक्षता के तहत स्वीकार किया गया है. यह इस बात का आश्वासन देता है कि अफगानिस्तान की धरती का दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
अफगानिस्तान की धरती से आतंकवादी गतिविधियों के संचालन के संदर्भ में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान और तालिबान पर निशाना साधते हुए कहा कि अफगानिस्तान की धरती का आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर रिजॉल्यूशन 2593 को हमारी अध्यक्षता के तहत स्वीकार किया गया है. यह इस बात का आश्वासन देता है कि अफगानिस्तान की धरती का दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अब तक भारत की मौजूदगी का मुख्य आकर्षण अगस्त में अध्यक्षता करने की रही है. भारत के प्रधानमंत्री ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. यह भारत और भारतीयों के लिए गर्व और सम्मान की बात है.
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भारत ने पहले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान की सरजमीं से पाकिस्तानी और तालिबानी समेत दूसरे आतंकवादी संगठनों की ओर से संचालित की जा रही आतंकी गतिविधियों को लेकर पाकिस्तान को खरी-खरी सुना दी है. इस साल के 15 अगस्त से ही अफगानिस्तानी सत्ता पर तालिबानियों का कब्जा होने के साथ ही पाकिस्तान उसका समर्थन कर रहा है और दुनिया के दूसरे देशों से भी समर्थन मांग रहा है.
इसके साथ ही, अफगानिस्तान से न केवल तालिबान समेत पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं, बल्कि हक्कानी समूह और अन्य दूसरे आतंकी संगठन भी सक्रिय रूप से इस प्रकार की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. खासकर, पाकिस्तान के कई आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान में पनाह लेकर वहां से आतंकवादी गतिविधियों के साथ ही मादक पदार्थों की सप्लाई दूसरे देशों में करते हैं.