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3 मौतों के बाद अमेरिका ने भारतीय Eye Drop पर लगाई रोक, अब तक 8 लोग हो चुके हैं अंधे

अमेरिका में भारत में निर्मित हुई आई ड्रॉप परेशानी का सबब बन गया है. अब तक इस आई ड्रॉप के इस्तेमाल से अमेरिका में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि आठ लोग अंधे हो चुके हैं. अमेरिका के Disease Control and Prevention विभाग ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके एक आदमी से दूसरे तक फैलने की आशंका है.

अमेरिका में भारत में निर्मित हुई आई ड्रॉप परेशानी का सबब बन गया है. अब तक इस आई ड्रॉप के इस्तेमाल से अमेरिका में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि आठ लोग अंधे हो चुके हैं. इसी के मद्देनजर अब यूएस की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने आई ड्रॉप के आयात पर रोक लगाने का फैसला किया है

आई ड्रॉप के इस्तेमाल से 3 लोगों की हुई मौत

भारत में निर्मित इस आई ड्रॉप की वजह से अमेरिका में अबतक तीन मौतें हो चुकी है. जबकि आठ मामलों में लोग अंधे हो चुके है और दर्जन भर लोग इससे प्रभावित भी है. अमेरिका के Centers for Disease Control and Prevention (CDC) ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके फैलने की आशंका जताई, क्योंकि ये एक आदमी से दूसरे आदमी में भी फैल रही थी.

ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने बनाया आई ड्रॉप 

वहीं अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने माना है कि उन्होंने दवाई के इस्तेमाल करने से पहले उस फैक्ट्री का दौरा नहीं किया था, जो भारत में स्थित है. हालांकि, मामला उजागर होने के बाद फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने प्लांट का दौरा किया, जिसे ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर के तरफ से संचालित किया जाता है.

न्यूयॉर्क की डेलसम फार्मा ने आई ड्रॉप का वितरण किया 

अमेरिका फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने कहा कि प्रभावित लॉट चेन्नई स्थित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर की ओर से निर्मित किया गया है जबकि न्यूयॉर्क की डेलसम फार्मा के तरफ से अमेरिकी बाजार में इसका वितरण किया गया.

भारत और चीन में बने दवा को लेकर पहले भी हुई आलोचना 

आपको बताएं कि, अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन पहले भी चीन और भारत के तरफ से बनाए जाने वाले दवाओं को लेकर लापरवाही बरतने की आलोचना का सामना कर चुकी है. आपको बता दें कि भारत और चीन दो ऐसे देश हैं, जहां सबसे ज्यादा मात्रा में दवाओं का निर्माण किया जाता है.

50 हजार आई ड्रॉप ट्यूब वापस भेज गया 

वहीं भारत की ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने अमेरिकी बाजार से आंख की दवा की 50,000 ट्यूब को बैक्टीरिया संक्रमण के कारण वापस मंगाया है. अमेरिका फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने यह जानकारी दी. अपनी नवीनतम रिपोर्ट में अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक ने कहा कि चेन्नई स्थित दवा कंपनी ने अमेरिकी बाजार में आर्टिफिशियल आई ऑइंटमेंट के प्रभावित लॉट को वापस लेने का फैसला किया है.

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