वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को हल्के में ले रहे हैं जबकि अधिक से अधिक अमेरिकी इसकी चपेट में आ रहे हैं . वैश्विक महामारी की गंभीरता को कमतर आंकने वाले ट्रंप के कई बयानों में से एक में हाल ही में उन्होंने घोषणा की थी कि कोविड-19 के 99 प्रतिशत मामले नुकसानदेह नहीं हैं.
यह दावा अमेरिका में हुई करीब 1,30,000 लोगों की मौत की हकीकत और विज्ञान की नजर से कोसों दूर है. ट्रंप ने मरीजों को कृत्रिम श्वसन मशीनें (वेंटिलेटर) लगाए जाने की जरूरत को भी एक तरह से खारिज किया. वैश्विक महामारी के पूरे काल के दौरान, ट्रंप घोषणा करते रहे कि यह अमेरिका में नियंत्रण में है जबकि यह नहीं था.
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‘वायरस का खतरा’ विषय पर ट्रंप की टिप्पणियां और उनसे जुड़े तथ्य इस प्रकार हैं – ट्रंप ने चार जुलाई को कहा: “अब हमने चार करोड़ से ज्यादा लोगों की जांच कर ली है. लेकिन ऐसा करते हुए हमने पाया कि 99 प्रतिशत मामले पूरी तरह अहानिकर है.” तथ्य: यह बयान लाखों कोविड-19 मरीजों की पीड़ा को नहीं दर्शाता है.
उदाहरण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोविड-19 की जांच में संक्रमित पाए गए 20 प्रतिशत लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ते हैं जिनमें निमोनिया और श्वसन तंत्र का काम करना बंद कर देना भी शामिल है. प्रभावित होने वालों की संख्या जो चाहे हो लेकिन यह साफ है कि यह खतरा उन अनभिज्ञ लोगों तक सीमित नहीं है जो इस बीमारी की चपेट में हैं. इसके अलावा जिनमें हल्के या कोई लक्षण नहीं दिखते, वे भी अन्य संवेदनशील लोगों में वायरस फैला सकते हैं. ट्रंप ने शनिवार को ट्वीट किया:
“हमारी अत्यधिक जांच से फेक न्यूज मीडिया को वह मिल गया जो उसे चाहिए था, खूब सारे मामले. इस बीच, मौत और सबसे महत्त्वपूर्ण मृत्यु दर घटी है…किसी को वेंटिलेटर की जरूरत है?” तथ्य : केवल जांच बढ़ने से ही मामले नहीं बढ़ रहे हैं. लोग पहले से ज्यादा एक-दूसरे को संक्रमित कर रहे हैं क्योंकि सामाजिक दूरी संबंधी नियमों का कम पालन हो रहा है और “सामुदायिक संक्रमण” तेज हो गया है. जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं, वेंटिलेटर की मांग भी बढ़ रही है.
सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कहा, “एक चीज जो बढ़ रही है वह है सामुदायिक स्तर पर संक्रमण का फैलना और मैं इससे बेहद चिंतित हूं.” देश में कोरोना वायरस जांच प्रयासों को देख रहे स्वास्थ्य एवं मानव सेवा के अधिकारी, एडमिरल ब्रेट गिरोइर ने गत बृहस्पतिवार को कांग्रेस को बताया था कि यह बढ़ोतरी महज अतिरिक्त जांच से नहीं समझी जा सकती है.
उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि यह मामलों में असल इजाफा है जो संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ने के कारण बढ़ रहा है.” अमेरिका के कई इलाकों में, अप्रैल से ही वेंटिलेंटर की मांग बढ़ती जा रही है. उदाहरण के लिए मियामी-डेडे काउंटी में दो हफ्ते पहले 61 मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत थी जो शनिवार को बढ़कर 158 हो गई. मृत्यु दर घटने के ट्रंप के दावे पर फाउची ने कहा कि यह संक्रमण के लिहाज से उचित माप नहीं है.
उन्होंने कहा, “मौत हमेशा से मामलों से खासे पीछे होती है.” ट्रंप ने चार शनिवार चार जुलाई को कहा, “हमने बहुत प्रगति की है, हमारी रणनीति ठीक है..हमने काबू पाना सीख लिया है.” इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खतरे को नियंत्रित कर लिया है. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि कुछ समय बाद कोरोना वायरस गायब हो जाएगा. तथ्य : फाउची ने कहा, “वायरस कहीं नहीं जाने वाला है.”
न ही यह माना जा सकता कि इसे नियंत्रित कर लिया गया है क्योंकि रोजाना बहुत से नये मामले सामने आ रहे हैं. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में हर दिन सामने आने वाले मामले पिछले महीने लगभग दुगुने हुए और पिछले हफ्ते 50,000 के पार चले गए.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak