अफगानिस्तान से सैन्य वापसी के बाद पहली बार अमेरिका तालिबानी सरकार से बातचीत करने को तैयार है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय का इस बारे में कहना है कि, शनिवार और रविवार को अमेरिकी डेलीगेशन तालिबानी नेताओं के साथ बातचीत कर सकता है. इस दौरान अमेरिका नागरिकों की सुरक्षा और आतंकियों को अपनी जमीन नहीं देने को लेकर दबाव भी बना सकता है. वहीं, बातचीत की सुगबुगाहट के बीच सवाल उठ रहे है कि क्या अब तालिबान सरकार को मान्यता मिल जाएगी.
इधर, बातचीत से पहले अफगानिस्तान के कुंदुज में जुमे की नमाज के दौरान बड़ा फिदायीन हमला हुआ है. इस हमले में करीब सौ लोगों की मौत हो गई. और दर्जनों लोग घायल हुए हैं. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएस ने ली है. यह धमाका हजारा शिया मस्जिद को निशाना बनाकर किया गया है.
तालिबानी पुलिस अफसर ने बताया कि इस हादसे में कम-से-कम 100 लोग मारे गये या जख्मी हो गये. तालिबानी पुलिस अधिकारी दोस्त मोहम्मद ओबैदा ने बताया कि 100 लोग हमले की चपेट में आये हैं. इनमें से ज्यादातर लोगों की मौत हो गयी. सूचना और संस्कृति के उप मंत्री, जबीउल्लाह मुजाहिदी ने घटना की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार दोपहर में कुंदुज के खानाबाद बंदर इलाके में शिया नागरिकों की एक मस्जिद को निशाना बनाकर विस्फोट किया गया और इसमें कई मारे गये.
इधर देश के सूचना और संस्कृति के उप मंत्री, जबीउल्लाह मुजाहिदी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर में कुंदुज के खानाबाद बंदर इलाके में शिया नागरिकों की एक मस्जिद को निशाना बनाकर विस्फोट किया गया और इसमें कई मारे गये. उन्होंने बताया कि सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गये हैं और हमले की जांच शुरू कर दी है.
स्थानीय सुरक्षा अफसरों ने बताया कि शुक्रवार को नमाज के लिए मस्जिद में 300 लोग मौजूद थे. इस्लामिक स्टेट से संबद्ध समूह ने अफगानिस्तान में मस्जिद में हुए बम धमाके की जिम्मेदारी ली है. मृतकों के संख्या की पुष्टि हो जाने पर, शुक्रवार का हमला अमेरिका और नाटो सैनिकों की अगस्त के अंत में अफगानिस्तान से वापसी और देश पर तालिबान के कब्जे के बाद भीषण हमला है और जिसमें मौतों की संख्या सर्वाधिक है.
Posted by: Pritish Sahay